आधी सेना वापस बुला सकता है अमेरिका, 17 साल से आतंकियों से कर रही मुकाबला
वॉशिंगटन. अमेरिका अफगानिस्तान में तैनात 14 हजार सैनिकों में से सात हजार को जल्दही वापस बुला सकताहै। डोनाल्डट्रम्प प्रशासन के एक अफसरके मुताबिक, सरकार इसकीयोजना तैयार कर रही है। इस पर मुहर लगी तो अगलेकुछ महीनों में ही अफगानिस्तान से सैनिकों का लौटना शुरू हो जाएगा। हालांकि, पेंटागन और व्हाइट हाउस की तरफ से इस दावे पर कोई बयान नहीं आया है।
एक दिन पहले ही राष्ट्रपति डोनाल्डट्रम्प ने सीरिया से सेना वापस बुलाने का ऐलान किया था। इसके 24 घंटे के अंतराल पर ही रक्षा मंत्री जेम्स मैटिस ने पद से इस्तीफा दे दिया। अपने पत्र में उन्होंने संकेत दिए थे कि राष्ट्रपति के साथ उनके विचार नहीं मिलते। माना जा रहा है कि मैटिस ट्रम्प के सीरिया से सेना निकालने के फैसले से नाराज थे।
अमेरिका ने 9/11 हमलों के बाद 2001 में अफगानिस्तान में सेना भेजी थी। अमेरिका कोहमलों के जिम्मेदार अल-कायदा प्रमुख ओसामा बिन लादेन केअफगान तालिबान की पनाह में होने की जानकारी मिली थी। तालिबान ने लादेन को सौंपने से इनकार कर दिया था। इसके बाद तत्कालीन राष्ट्रपति जॉर्ज बुश ने लादेन को पकड़ने और तालिबान को सत्ता से हटाने के लिए सैन्य अभियान शुरू किया था।
अमेरिकी स्पेशल फोर्सेज ने लादेन को 2011 में पाकिस्तान के ऐबटाबाद में मार दिया था। अफगानिस्तान में आतंकियों के खिलाफ अभियान 2014 में खत्म हो गया था। लेकिन तालिबान के बढ़ते हमलों और देश में लोकतंत्र की स्थापना का हवाला देकर सेना के बड़े हिस्से को देश में ही ठहरा दिया गया।
ट्रम्प ने अपने चुनाव अभियान में दावा किया था कि राष्ट्रपति बनने के बाद वे अफगानिस्तान से सैनिकों को वापस बुलाएंगे। हालांकि, सितंबर 2017 में ट्रम्प ने तीन हजार अतिरिक्त सैनिकों को वहां भेज दिया।
अमेरिकी अखबार ‘द वॉशिंगटन पोस्ट’ की रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रम्प प्रशासन की इस योजना का व्हाइट हाउस चीफ ऑफ स्टाफ जॉन केली और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन ने विरोध किया है। रिपब्लिकन पार्टी से सीनेटर लिंडसे ग्राहम ने ट्वीट कर इसे जोखिम भरा कदम बताया। उन्होंने कहा कि इसके चलते अमेरिका पर दूसरा 9/11 हमला हो सकता है।
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Source: bhaskar international story