कमोडो द्वीप से 1 महीने में 41 ड्रैगन की तस्करी, अब सालभर के लिए यहां प्रवेश बंद
जकार्ता. कमोडो आईलैंड जनवरी 2020 से सालभर के लिए बंद रहेगा। यह द्वीप कमोडो ड्रैगन की शरणस्थली के तौर पर विख्यात है। सूत्रों का कहना है कि यहां से एक महीने में 41 ड्रैगन की तस्करी हुई। इस कारण इसे बंद करने का फैसला लिया गया है। अब यहां लगभग 5 हजार ड्रैगन ही बचे हैं। इसके बंद रहने के दौरान कोशिश होगी कि इनकी संख्या में बढ़ोतरी हो सके।
कमोडो ड्रैगन दुनिया की सबसे बड़ी छिपकली है। पहली बार प्रथम विश्व युद्ध के दौरान एक सैनिक ने इसे देखा था। सैनिक इसे देखते ही बेहोश हो गया था। अंतरराष्ट्रीय बाजार में एक कमोडो की कीमत करीब 24 लाख रुपए है।
कमोडो नेशनल पार्क टूरिस्ट की पसंदीदा जगह है। 2018 में औसतन 10,250 टूरिस्ट हर महीने यहां घूमने के लिए आए। इनमें से 95 फीसदी विदेशी थे। कमोडो से अलावा यहां छिपकली की पडार, रिंसा और 26 छोटी प्रजातियां भी मौजूद हैं।
एजेंसी के सूत्रों का कहना है कि जनवरी 2020 से केवल कमोडो आईलैंड को बंद करने का फैसला लिया गया है। इस दौरान यूनेस्को की सूची में शामिल अन्य पार्क खुले रहेंगे।
अब तक पार्क में आने वाले टूरिस्ट के लिए कोई गाइडलाइन नहीं बनाई गई है। अब सरकार इनकी संख्या को 5 हजार प्रति महीनेतक सीमित करने जा रही है। पिछले साल किसी टूरिस्ट की सिगरेट से आग लगने की वजह से पार्क की 10 हेक्टेयर जमीन को नुकसान पहुंचा था।
सूत्रों का कहना है कि एक बार नए नियम बन जाएं तो हो सकता है कि टूरिस्ट को यहां आने के लिए ऑनलाइन आवेदन करना पड़े। इस बात की जरूरत महसूस की जा रही है कि टूरिस्ट तय समय के एक घंटे के अंदर यहां पहुंच जाए। यानी किसी को 10 बजे पार्क में आने का समय मिला है तो वह हर हाल में 11 बजे तक पहुंच जाए।
टूरिस्ट को पार्क में केवल 4 घंटे तक ही रहने की अनुमति होगी। शाम 5.30 बजे सभी को हर हाल में पार्क से जाना पड़ेगा। पहली बार यहां टिकटों के जरिए प्रवेश की व्यवस्था 2017 में शुरू की गई थी।
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Source: bhaskar international story