जमीन से 400 मी. नीचे नमक की खदानों में बनाए गए स्पा, हर साल 4 हजार पर्यटक आते हैं
मिन्स्क. बेलारूस में मेडिकल टूरिज्म काफी लोकप्रिय है। यहां नमक की खदान में बने स्पा लोगों को काफी आकर्षित करते हैं। ये स्पा जमीन से 400 मीटर की गहराई में बनाए गए हैं। यहां रुकने और इलाज कराने के लिए हर साल 4 हजार पर्यटक आते हैं।
कहते हैं कि बेलारूसकी खदानों और सुरंगों मेंनमक और पोटैशियम का दुनिया का सबसे बड़ा भंडार है।यहां आने सेसिर्फ शांति ही नहीं मिलती, बल्किअस्थमा, एलर्जी और सांस की बीमारियां भीदूर होती हैं।
28 साल पहले स्थापित किया गया था पहला स्पा
नेशनल स्पीलियोथैरेपी क्लीनिक 1991 में सालीहोर्स्क (राजधानी मिन्स्क से 130 किमी दूर) खोला गया था। यहां हर साल 4 हजार पर्यटक आते हैं, जिनमें से आधे रूसी होते हैं। यहां टीवी और इंटरनेट जैसी सुविधाएं नहीं हैं लेकिन आप जॉगिंग, वॉकिंग, कसरत कर सकते हैं और वॉलीबॉल खेल सकते हैं। हालांकि, वैज्ञानिकों को भरोसा नहीं है कि सॉल्ट थैरेपी शारीरिक बीमारियों को ठीक कर सकती है।
क्लीनिक के डॉ. पावेल लेवशेंको कहते हैं- मैं ऐसे कई लोगों से मिल चुका हूं जो थैरेपी को सही नहीं मानते,लेकिन मैं जानता हूं कि यह कैसे काम करती है और लोगों पर इसका असर होता है। बेलारूस में ऑस्ट्रियन फर्म में काम करने वाले यूरी लुकाशेनिया कहते हैं कि मैंने स्पा (क्लीनिक) में जाकर अच्छा महसूस किया। मैं वहां जाकर बच्चों की तरह (गहरी नींद में) सोया। किसी याट में जाकर छुट्टियां मनाने से बेहतर है कि आप नमक की खान में बने स्पा में 2-3 दिनबिताएं। दो हफ्ते के लिए यहां 1000 डॉलर (करीब 70 हजार रुपए) चुकाने पड़ते हैं।
दुनिया से अलग महसूस कराना मकसद
क्लीनिक की डिप्टी डायरेक्टर नतालिया दुबोविक कहती हैं- स्पा में 10 बजे लाइट बंद कर दी जाती है और सुबह पौने छह बजे ही शुरू होती है। लोगों को अच्छा अहसास हो, इसके लिए मद्धिम संगीत बजता रहता है। हर थैरेपी का एक ही मकसद होता है- लोगों को दुनिया से अलग कर देना। अच्छे नतीजे तभी मिलते हैं।
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Source: bhaskar international story