तुलसी गबार्ड ने 2020 के राष्ट्रपति चुनाव के लिए आधिकारिक दावेदारी पेश की
मास्को.अमेरिका की पहली हिंदू सांसद तुलसी गबार्ड ने 2020 में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के लिए आधिकारिक दावेदारी पेश कर दी है। तुलसी 2013 से अमेरिका के हवाई राज्य से हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स में डेमोक्रेट सांसद हैं। अगर तुलसी ट्रम्प के खिलाफ डेमोक्रेट उम्मीदवार चुनी जाती हैं और चुनाव जीत जाती हैं तो वे अमेरिका की सबसे युवा और पहली महिला राष्ट्रपति होंगी। वे अमेरिका की पहली गैर-ईसाई और पहली हिंदू राष्ट्रपति भी होंगी।
जनवरी के शुरू में तुलसी ने अमेरिकी राष्ट्रपति का चुनाव लड़ने की मंशा जताई थी। शनिवार को ट्विटर पर उन्होंने कहा कि आज से हम अपना अभियान शुरू करते हैं। तुलसी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की आलोचना करते हुए कहा कि पहले वह व्यवस्था परिवर्तन के खिलाफ थे, लेकिन अब वह ईरान और वेनेजुएला में यही काम कर रहे हैं।
गबार्ड ने कहा कि आप लोग मेरा साथ दें, जिससे हम वैश्विक स्तर पर शांति को बहाल कर सकें। तुलसी का कहना है कि लोग साथ देंगे तो वह अमेरिका में स्वतंत्रता, न्याय, समानता और सभी को समान अवसर मुहैया कराने का काम करेंगी।
तुलसी गबार्ड ने हाल के महीनों में लोवा और न्यू हैंपशायर का दौरा किया था। हालांकि उनकी दावेदारी को बहुत ज्यादा गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है, क्योंकि डेमोक्रेटिक पार्टी की तरफ से पूर्व उप राष्ट्रपति जो बिडन, एलिजाबेथ वारेन और सेन. बर्नी सेंडर्स भी इस रेस में शामिल हैं।
37 साल की तुलसी हवाई से चार बार से डेमोक्रेट सांसद हैं। वे हर बार रिकॉर्ड वोटों से जीती हैं। राजनीति में आने से पहले वे अमेरिकी सेना की ओर से 12 महीने के लिए इराक में तैनात रह चुकी हैं।
गबार्ड का जन्म अमेरिका के समोआ में एक कैथोलिक परिवार में हुआ था। उनकी मां कॉकेशियन हिंदू हैं। इसी के चलते तुलसी गबार्ड शुरुआत से ही हिंदू धर्म की अनुयायी रही हैं। सांसद बनने के बाद तुलसी पहली सांसद थीं, जिन्होंने भगवत गीता के नाम पर शपथ ली थी।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
Source: bhaskar international story