अमेरिका ने कहा- ईरान ने तेल टैंकरों पर हमला किया था, मध्यपूर्व में एक हजार सैनिक तैनात करेंगे
वॉशिंगटन. अमेरिका ने ओमान की खाड़ी में 13 जून को दो तेल टैंकरों में हुए हमले से जुड़ी कुछ सैटेलाइट तस्वीरें जारी की हैं। साथ ही हमले के लिए ईरान को जिम्मेदार ठहराया है। पेंटागन द्वारा जारी तस्वीरों में ईरान के सैनिक हमले का शिकार हुए जापान के कोकुका करेजियस जहाज से विस्फोटक सामग्री हटाते दिख रहे हैं। दूसरी तस्वीर में कोकुका जहाज पर एक बड़ा छेद भी दिखा। इन सबके बीच अमेरिका ने मध्यपूर्व में एक हजार अतिरिक्त सैनिक तैनात करने का फैसला किया है।
ईरान ने भी अमेरिका के आरोपों को खारिज किया है। ईरान की स्टेट मीडिया के मुताबिक, दो जहाजों पर अलग-अलग समय पर कुल तीन धमाके हुए थे। ईरान की नौसेना ने ही जान बचाने के लिए पानी में कूदे 44 क्रू मेंबर्स को बचाया था। वहीं, अमेरिका ने दावा किया है किउसने इन क्रू मेंबर्स को बचाया है।
एक हजार अतिरिक्त सैनिकों की तैनाती मंजूर
अमेरिका के कार्यवाहक रक्षा मंत्री पैट्रिक शैनहन ने सोमवार को कहा कि ट्रम्प प्रशासन ने पश्चिम एशिया में अपने एक हजार अतिरिक्त सैनिक तैनात करने का फैसला किया है। अमेरिका की सेंट्रल कमान की ओर से अतिरिक्त सैनिकों की मांग को देखते हुए और ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टाफ तथा व्हाइट हाउस से सलाह के बाद यह फैसला लिया गया। शैनहन ने कहा कि मैंने मध्यपूर्व में वायुसैनिक, नौसैनिक समेत तमाम रक्षा चुनौतियों का सामना करने के लिए लगभग एक हजार अतिरिक्त सैनिकों की तैनाती को मंजूर किया है।वहीं, चीन ने सैनिकों की तैनाती के फैसले पर चेतावनी भी दी है। उसने कहा कि इस फैसले से ईरान के साथ तनाव बढ़ सकता है।
कतर से ताइवान जा रहेथेटैंकर: रिपोर्ट
रिपोर्ट के मुताबिक 13 जून को पहली घटना दक्षिणी ईरान में हुई। 1 लाख 11 हजार टन क्षमता वाला फ्रंट अल्टेयर टैंकर जहाज कतर से ताइवान जा रहा था। जहाज पर जैसे ही आग लगी तो इसमें सवार 23 क्रू मेंबर्स पानी में कूद गए, जिन्हें नौसेना ने बचाया। इसके एक घंटे बाद दूसरे जहाज में भी आग लग गई। यह घटना बंदरगाह से 28 समुद्री मील दूर हुई।
ओमान की खाड़ी होरमुज दुनिया का सबसे व्यस्ततम तेल मार्ग
हमले का शिकार हुए दो जहाजों में से एक जापान के स्वामित्व वाला टैंकर कोकुका करेजियस और दूसरा नॉर्वे का टैंकर फ्रंट अल्टेयर था। यह हमला दुनिया के सबसे व्यस्त तेल मार्ग ओमान की खाड़ी होरमुजके करीब हुआ। यहां से कईलाख डॉलर का तेल गुजरता है। यही कारण है कि अमेरिका ने यहां अपने एक हजार अतिरिक्त सैनिकों को तैनात करने का निर्णय लिया। इससे पहले मई में भी संयुक्त अरब अमीरात के चार तेल टैंकरों पर हमला हुआ था। तब भी तेहरान और वॉशिंगटन के बीच तनाव की स्थिति बनी थी।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
Source: bhaskar international story