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आम से खास बनने का मौका दे रही राज्य सरकार

किसी ने सही कहा है एक पुरूष को शिक्षित करने से परिवार का केवल एक सदस्य ही शिक्षित होता है मगर एक महिला को शिक्षित करने से पूरा परिवार शिक्षित होता है। देश के विकास के लिए यह बेहद जरूरी है कि उस देश में महिला और पुरुष को शिक्षा का समान अवसर मिले क्योंकि देश के विकास में महिलाओं का बेहद महत्वपूर्ण योगदान होता है।

राज्य सरकार ने प्राथमिक से लेकर उच्च शिक्षा तक बालिका शिक्षा को प्रोत्साहित करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रही है। बालिकाओं को पढ़ने के लिए स्वच्छ एवं स्वस्थ वातावारण युक्त छात्रावास खोले हैं ताकि गांव और स्कूलों के बीच की दूरी को पाटी जा सके। बालिकाओं के लिए छात्रवृत्ति शुरू की गई हैं ताकि बालिकाओं की पढ़ाई निरंतर जारी रखी जा सके।

सरकार द्वारा बालिका शिक्षा को लेकर किये जा रहे प्रयासों का व्यापक असर देखा जा रहा है इससे ना सिर्फ बालिकाओं को आगे पढ़ने का प्रोत्साहन मिला है बल्कि समाज में अपनी भूमिका को सशक्त बनाने का संबंल भी मिला है। अब राज्य सरकार ने एक और कदम बालिका शिक्षा की ओर बढ़ाया है।

अब राज्य सरकार प्रदेश के सभी विवेकानंद मॉडल स्कूलों में पढ़ने वाली छात्राओं को टॉप करने पर आगे की पढ़ाई के लिए विदेश जाने का मौका दे रही है।बता दें कि यह योजना पहले से ही राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड से जुड़े सभी राजकीय विद्यालयों में 12वीं कक्षा के लिए संचालित हैं।सरकार ने इस योजना का दायरा बढ़ाते हुए इसमें अब प्रदेश के सभी 134 स्वामी विवेकानंद राजकीय मॉडल स्कूलों को भी शामिल कर लिया है।राज्य सरकार की यह पहल बालिका शिक्षा को सशक्त बनाने की उत्तम और सराहनीय है।

क्या है मॉडल स्कूल

प्रदेश मेंजहां शिक्षा का स्तर बिल्कुल ही न्यून है यानि जो शैक्षणिक दृष्टि से पिछड़े हुए है उन क्षेत्रों में मॉडल स्कूल खोले गए हैं।  यह विद्यालय गुणवत्ता मानकों की दृष्टि से केंद्रीय विद्यालयोंएवं नवोदय विद्यालयों के समान ही हैं। बस इनकी खास बात ये है किइन विद्यालयों में दी जाने वालीशिक्षा शैक्षिक, शारीरिक भावनात्मक, और कलात्मक विकास की होती है।

यही वजह है कि राज्य सरकार ने मॉडल स्कूलों की विशेषताओं को मद्देनजर रखते हुए अपनी इस योजना में इन्हें शामिल कर टॉप करने वाली छात्राओं को भी विदेश में पढ़ाई करने का सुनहरा मौका दिया है।