इंडोनेशिया 10 साल बाद नई राजधानी बनाएगा, क्योंकि जकार्ता 2050 तक समुद्र में डूब जाएगा
जकार्ता. ग्लोबल वार्मिंग के खतरे को देखते हुए इंडोनेशिया 10 साल बाद अपनी राजधानी जकार्ता को बदल देगा। ऐसा कहा जा रहा है कि जकार्ता भविष्य में जावा द्वीप से बाहर जा सकता है। नई राजधानी को कहां बसाया जाएगा, इसका खुलासा अभी नहीं किया गया है, लेकिन पलंकरया शहर का नाम चर्चा में है।
पलंकरया बोर्नियो द्वीप पर है। राष्ट्रपति जोको विडोडो ने भी राजधानी बदलने के नेशनल डेवलेपमेंट एंड प्लानिंग बोर्ड प्लान का समर्थन किया है। मंगलवार को बोर्ड के चीफ और इंडोनेशिया के योजना मंत्री बंबांग ब्रॉडजोनेगोरो ने यह जानकारी दी। वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के अनुसार, जकार्ता दुनिया का सबसे तेजी से डूब रहा शहर है। इसकी एक बड़ी वजह पीने और नहाने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले ग्राउंडवाटर की निकासी है। हालांकि, जहां तक राजधानी को दूसरी जगह बसाने की बात है, इसमें करीब दस साल का समय लगेगा। इस दौरान करीब 2.31 लाख करोड़ रुपए खर्च होंगे। यह सब कुछ दूसरी जगह पर लोगों के रहने के लिए बनाए जाने वाले ढांचे और अन्य सुविधाओं पर खर्च होंगे।
एक करोड़ लोग रहते हैं जकार्ता में
- संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक, जकार्ता में करीब एक करोड़ लोग रहते हैं। इसके अलावा 3 करोड़ लोग ग्रेटर मेट्रोपॉलिटिन इलाके में रहते हैं। इस शहर से 13 नदियां गुजरती हैं और दूसरी ओर से जावा सागर की लहरें दिन-रात शहर की ओर पानी फेंकती रहती है। यहां पर आने वाली बाढ़ की वजह से इस शहर का काफी हिस्सा अक्सर पानी में डूबा रहता है। एक रिसर्च के मुताबिक, 2050 तक जकार्ता का 95% हिस्सा पानी में डूब जाएगा। इंडोनेशिया दलदली जमीन के किनारे पर बसा है।
- ग्लोबल वार्मिंग के खतरे से बचने के लिए हाल ही में सेशेल्स के राष्ट्रपति डैनी फॉरे खुद समुद्र में पनडुब्बी में बैठकर दुनिया से समुद्री पर्यावरण को बचाने की अपील कर चुके हैं। उन्होंने कहा था कि हम अगली पीढ़ी का इंतजार नहीं कर सकते। हम कोई भी कार्रवाई न करने और समय से भाग रहे हैं। समुद्र सतह की बजाय हमारे पास मंगल ग्रह का बेहतर नक्शा है।
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Source: bhaskar international story