उ. कोरिया के शिप पर वार्मबियर परिवार ने दावा ठोका, बेटे को बंदी बनाने का मुआवजा बताया
वॉशिंगटन. उत्तर कोरिया में चोरी के आरोपों में गिरफ्तार किए गए अमेरिकी नागरिक ओटो वार्मबियर के माता-पिता ने किम सरकार के जब्त शिप पर दावा ठोका है। दरअसल, ओटो जब जनवरी 2016 में उत्तर कोरिया दौरे पर थे, तब उन्हें होटल से पोस्टर चुराने के आरोप में 15 साल की कठोर श्रम की सजा सुनाई गई थी। डेढ़ साल बाद यानी जून 2017 को उन्हें कोमा की हालत में वापस अमेरिका भेजा गया, जहां उनकी मौत हो गई थी।
ओटो के टॉर्चर के मामले में उनके माता-पिता ने अमेरिका की अदालत में केस दायर किया था। पिछले साल दिसंबर में फेडरल जज ने उत्तर कोरिया को टॉर्चर, दूसरे देश के नागरिक को बंदी बनाने, न्यायिक हिरासत में वार्मबियर की मौत का दोषी करार दिया था। परिवार को हुए नुकसान के लिए किम शासन को 50 करोड़ डॉलर (करीब 3435 करोड़ रु.) भरपाई के तौर पर देने के लिए कहा गया था।
इसी आदेश को लेकर ओटो के माता-पिता ने पिछले हफ्ते अफसरों के सामने शिप पर कानूनी दावा किया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, सिंथिया और फ्रेड्रिक वार्मबियर ने न्यूयॉर्क कोर्ट में पांच पन्नों का एक स्टेटमेंट फाइल किया है। इसमें कहा गया है कि वार्मबियर परिवार कोशिप के 50 करोड़ डॉलर के मुआवजे के तौर पर दिए जाने चाहिए।
उत्तर कोरिया ने कभी इस केस में पार्टी के तौर पर अपना बचाव नहीं किया। इसके चलते तब यह भी साफ नहीं हो पाया था कि वार्मबियर परिवार किम शासन से नुकसान की भरपाई कैसे करवाएगा। ताजे दावे में वार्मबियर परिवार ने कहा है कि उत्तर कोरिया कभी उनके साथ मुआवजे को लेकर बातचीत में शामिल नहीं हुआ, इसलिए उन्हें भरपाई के लिए दूसरे तरीके देखने पड़ेंगे।
दरअसल, उत्तर कोरिया ने पिछले हफ्ते लंबी दूरी की मिसाइलों का युद्धाभ्यास किया। इसके ठीक बाद अमेरिका ने प्रतिबंधों के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए उत्तर कोरियाई कार्गो शिप को पकड़ लिया था। जहाज की पहचान 17 हजार टन वजनी वाइज ऑनेस्ट के तौर पर हुई थी।
अमेरिकी न्याय विभाग के मुताबिक, यह जहाज उत्तर कोरिया से अवैध रूप से कोयला दूसरे देशों में पहुंचाता था और वहां से अपने देश के लिए भारी मशीनरी लाता था, जिससे अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों का उल्लंघन होता था।
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Source: bhaskar international story