एवरेस्ट के रास्ते में ट्रैफिक का दवाब, पर्वतारोहियों के लिए डेथ जोन बन रहा- रिपोर्ट
काठमांडू.नेपाल स्थित हिमालय की पर्वत श्रृंखलाओं पर चढ़ाई के दौरान इस सीजन में 14 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें से छह पर्वतारोही भारतीय हैं। गुरुवार को माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई के दौरान दो भारतीय अंजलि कुलकर्णी, कल्पना दास और अमेरिकी डोनाल्ड कैश की जान गई थी। नेपाली मीडिया के मुताबिक, एवरेस्ट पर भारी संख्या में लोगों का पहुंचना मौतों की वजह हो सकती है। लोगों को शिखर तक पहुंचने के लिए रास्ते में इंतजार करना पड़ रहा है। इस वजह से उन्हें सांस से जुड़ी परेशानियों होने लगती हैं।
अखबार काठमांडू पोस्ट के मुताबिक, इस बार का क्लाइम्बिंग सीजन खत्म होने वाला है। मौसम अनुकूल होने से पर्वतारोही ज्यादा संख्या में एवरेस्ट पर पहुंच रहे हैं। आलाम ये है कि माउंट एवरेस्ट के टैक (ऊंचाई-26 हजार फीट) पर पर्वतारोहियों की लंबी लाइन लगी है। ऊंचाई और बर्फ से ढ़ंकी चोटियोंकी वजह सेयह ट्रैक डेथ जोन के नाम से मशहूर है।
एवरेस्ट के रास्ते में हर पल जान का खतरा
पॉयनियर एडवेंचर के मैनेजर निवेश कार्की ने कहा कि नेपाल स्थित एवरेस्ट पर पर्वतारोहियों की बढ़ती संख्या बड़ी समस्या है, क्योंकि इसका रास्ता बेहद खतरनाक है। यहां ट्रैफिक बढ़ने से यात्रा कठिन हो जाती है और जान पर खतरा बना रहता है।
कब-कब पर्वतारोहियों की जानें गईं
23 मई:भारतीय पर्वतारोही अंजलि कुलकर्णी और कल्पना दास ने माउंट एवरेस्ट फतह किया था। वापस लौटते वक्त अंजलि पैर फिसलने से जख्मी हो गई थीं। इसके बाद कैंप में उनकी तबीयत अचानक बिगड़ी और मौत हो गई। कल्पना की भी तबीयत बिगड़ने से जान गई।
22 मई: माउंट एवरेस्ट फतह करने निकले अमेरिका के डॉन कैश (55) की मौत हो गई। वे 7 महाद्वीपों की अलग-अलग पर्वतों पर चढ़ाई के अभियान पर थे। परिजनों के मुताबिक, इनमें माउंट एवरेस्ट आखिरी था।
17 मई:माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई के दौरान भारतीय पर्वतारोही रवि ठाकर की मौत हुई। हिमालय के सबसे ऊंचे शिखर पर पहुंचने के कुछ घंटे बाद ही बेस कैंप के पास मृत पाए गए।
16 मई:हिमालय की पर्वत श्रेणियों की चढ़ाई के दौरान सेना के जवान नारायण सिंह की जान चली गई थी। नारायण ने दुनिया की सबसे खतरनाक पर्वत श्रेणियों में से एक माउंट मकालू फतह कर ली थी।
15 मई:कोलकाता के दो पर्वतारोहियों बिप्लब बैद्य (48) और कुंतल कंवर (46) की मौत हो गई। बैद्य कंचनजंगा पर्वतश्रेणी की 28,169 फीट की चढ़ाई करने के बाद लौट रहे थे, जबकि कंवर शीर्ष पर पहुंचने वाले थे।
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Source: bhaskar international story