केटी के बनाए प्रोग्राम से दुनिया ब्लैक होल की तस्वीर देख सकी, 6 साल से प्रयासरत थीं
लंदन.29 साल की कंप्यूटर साइंटिस्ट केटी बोमन को दुनियाभर से सराहना मिल रही है। वजह ही इतनी बड़ी है। कैलिफोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में प्रोफेसर केटी ने वह अल्गोरिदम (कंप्यूटर प्रोग्राम) बनाया है जिसकी वजह से दुनिया पहली बार ब्लैक होल की तस्वीर देख सकी। यानी ब्लैक होल की पहली तस्वीर के पीछे सबसे बड़ी भूमिका केटी की ही है।
पृथ्वी से 50 लाख करोड़ किमी दूर स्थित ब्लैक होल का आभामंडल दिखाने वाली तस्वीर बुधवार को जारी हुई थी। केटी के लिए तो यह उस चीज के संभव होने जैसा है, जिसे पहले असंभव करार दे दिया गया था। इस ऐतिहासिक तस्वीर को उन्होंने अपने लैपटॉप की स्क्रीन पर देखा था और वह जबर्दस्त उत्साह से भर गईं थी।
केटी बताती हैं कि पहली तस्वीर में कुछ भी नहीं दिखा था। अल्गोरिदम की मदद से इसे फिर से तैयार किया तब जाकर स्पष्ट तस्वीर मिल सकी। केटी ने यह अल्गोरिदम तीन साल पहले बनाना शुरू किया था, जब वह मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से ग्रेजुएशन कर रही थीं। वहां पर उन्होंने एस्ट्रोफिजिक्स के एक प्रोजेक्ट का नेतृत्व किया था। इसमें एमआईटी की कंप्यूटर साइंस और एआई लैब की टीम ने उनकी मदद की थी। ब्लैक होल की यह तस्वीर इवेंट हॉरिजन टेलीस्कोप जो कि आठ टेलीस्कोप को जोड़कर बनाया गया नेटवर्क है, द्वारा ली गई। केटी के अल्गोरिदम ने इसे स्पष्ट करके दिखाया। इसके कुछ ही घंटों के भीतर केटी दुनियाभर में चर्चा में आ गईं।
केटी बताती हैं कि ब्लैक होल की तस्वीर लेने के लिए एक टेलीस्कोप नाकाफी था। इसलिए आठ टेलीस्कोपों को जोड़ा गया, इस तकनीक को इंटरफेरोमेट्री कहते हैं। इनके जरिए सैकड़ों हार्ड डिस्क में जो डेटा कैप्चर किया गया, उसे बोस्टन, और बॉन (जर्मनी) स्थित सेंट्रल प्रोसेसिंग सेंटर में भेजा गया। डेटा सहेजने के लिए अंटार्टिका से चिली तक टेलीस्कोपों का इस्तेमाल किया। इस टीम में 200 वैज्ञानिक लगे हुए थे। यह किसी एक व्यक्ति के बूते की बात नहीं थी।
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Source: bhaskar international story