खशोगी की गुमशुदगी पर सऊदी प्रिंस ने किया था अमेरिका को फोन, बताया- मुस्लिम ब्रदरहुड से जुड़ा पत्रकार
रियाद. वॉशिंगटन पोस्ट के पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या के मामले में नया खुलासा हुआ है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, खशोगी के सऊदी दूतावास से लापता होने की खबर सार्वजनिक होने के बाद प्रिंस सलमान ने खुद अमेरिका फोन लगाकर स्थिति समझाने की कोशिश की थी। हालांकि, उन्होंने अमेरिकी सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) जॉन बोल्टन और ट्रम्प के दामाद जैरेड कुशनर के सामने खशोगी की नकारात्मक छवि पेश की।
अमेरिकी अखबार वॉशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, सलमान ने 9 अक्टूबर यानी गुमशुदगी के ठीक एक हफ्ते बाद फोन पर दोनों से कहा कि खशोगी कट्टरपंथी संगठन मुस्लिम ब्रदरहुड का हिस्सा हैं। इसलिए वे एक खतरनाक पत्रकार हैं। सलमान ने अमेरिका से अपील की थी कि मामले में कोई भी कदम उठाने से पहले उसे दोनों देशों के मजबूत संबंधों के बारे में सोचना चाहिए।
हालांकि, सलमान की ओर से निजी तौर पर फोन कॉल में कही यह बात सऊदी शासन के उस बयान के बिल्कुल उलट है, जिसमें पत्रकार की हत्या को बहुत बड़ी गलती बताया गया था। किंग सलमान ने भी खशोगी की हत्या को शासन के लिए दर्दनाक पल कहा था।
वहीं अमेरिका स्थित सऊदी राजदूत ने खशोगी को अच्छा दोस्त बताते हुए कहा था कि उन्होंने अपनी जिंदगी का बड़ा हिस्सा देश की सेवा में लगा दिया।
खशोगी के परिवार ने इस मामले पर बयान जारी कर कहा- “पिछले काफी समय से उन (खशोगी) पर मुस्लिम ब्रदरहुड से जुड़े होने के निराधार आरोप लग रहे थे, जबकि उनका कट्टरपंथी संगठन से कोई संबंध नहीं था। वे किसी भी तरह से खतरनाक नहीं थे। इस तरह के दावे बकवास हैं।”
फोन कॉल पर हुई चर्चा की जानकारी रखने वाले एक व्यक्ति ने अखबार को बताया कि बोल्टन ने सऊदी प्रिंस की ओर से पेश की गई खशोगी की छवि पर ज्यादा गौर नहीं किया। हालांकि, सऊदी के एक अधिकारी ने फोन कॉल पर ऐसे किसी भी मुद्दे पर बातचीत से इनकार किया था।
वॉशिंगटन पोस्ट के पत्रकार जमाल खशोगी 2 अक्टूबर को इस्तांबुल स्थित सऊदी दूतावास में अपनी शादी से जुड़े दस्तावजे लेने गए थे, लेकिन वापस नहीं लौटे। हालांकि, अगले कुछ दिनों तक चली जांच के बाद सऊदी ने कबूल किया था कि खशोगी को हत्यारों की एक टीम ने दूतावास के अंदर ही मार डाला।
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Source: bhaskar international story