गूगल के कर्मचारियों का मैनेजमेंट को खुला खत, कहा- कंपनी के मूल्यों पर भरोसा नहीं रहा
कैलिफॉर्निया. गूगल के कर्मचारियों ने मैनेजमेंट को खुला पत्र लिखकर चीन के ड्रेगनफ्लाई प्रोजेक्ट को रद्द करने की मांग की है। इस प्रोजेक्ट के तहत कंपनी चीन के लिए सेंसर्ड सर्च इंजन बना रही है। इस साल अगस्त में इसका खुलासा हुआ था। गूगल के कर्मचारियों का कहना है कि उन्होंने कंपनी इसलिए ज्वॉइन की थी क्योंकि, वह फायदे से ज्यादा मूल्यों को अहमियत देती थी। लेकिन, ड्रेगनफ्लाई प्रोजेक्ट और उत्पीड़न के आरोपियों का बचाव करने जैसी घटनाओं की वजह से उनका भरोसा खत्म हो गया है।
गूगल के 11 कर्मचारियों के हस्ताक्षर वाला पत्र मंगलवार शाम प्रकाशित हुआ। कुछ ही घंटों में 300 कर्मचारियों ने इसके समर्थन में साइन कर दिए।
चीन के लिए गूगल के ड्रेगनफ्लाई प्रोजेक्ट की मानवाधिकार संगठनों और अमेरिका के राजनीतिज्ञों ने निंदा की थी। क्योंकि, मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सेंसर्ड सर्च इंजन पर कुछ वेबसाइट्स और ह्यूमन राइट्स जैसे शब्द ब्लॉक रहेंगे।
ड्रेगनफ्लाई का खुलासा होने के बाद गूगल के कर्मचारियों ने भी कंपनी से पारदर्शिता बरतने की मांग करते हुए स्थिति साफ करने के लिए कहा था। इसके बाद गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई ने आंतरिक बैठक में कर्मचारियों से कहा था कि चीन में सेंसर्ड सर्च इंजन लॉन्च करने की कोई योजना नहीं है। लेकिन, पिछले महीने उन्होंने पहली बार सार्वजनिक रूप से यह स्वीकार किया कि गूगल चीन के लिए सेंसर्ड सर्च ऐप बना रहा है।
चीन में सेंसरशिप की वजह से 2010 में गूगल ने वहां सर्च इंजन और यूट्यूब बंद कर दिए। उस वक्त चीन में इसका मार्केट शेयर 30% से भी कम था। वहां के स्थानीय सर्च इंजन बेदू का शेयर 76% से ज्यादा था। फिलहाल बेदू का मार्केट शेयर 80% से भी ज्यादा है।
गूगल ने चीन को पूरी तरह कभी नहीं छोड़ा। वहां ऑफिस और कर्मचारियों को बनाए रखा। गूगल चीन में नई शुरुआत की लगातार कोशिशें कर रहा है।
गूगल ने इस साल चीन की टेनसेंट होल्डिंग्स के सोशल मीडिया ऐप ‘वी चैट’ पर आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस से जुड़ा गेम लॉन्च किया। जनवरी में चीन के लाइव स्ट्रीम मोबाइल गेम प्लेटफॉर्म वाली कंपनी चुजू में भी निवेश किया।
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Source: bhaskar international story