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चांद पर उतरा चीन का स्पेसक्राफ्ट, इसी महीने इसरो भी कर सकता है चंद्रयान-2 की लॉन्चिंग - Update Every Time
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चांद पर उतरा चीन का स्पेसक्राफ्ट, इसी महीने इसरो भी कर सकता है चंद्रयान-2 की लॉन्चिंग



बीजिंग. चीन ने गुरुवार को चंद्रमा के पिछले (धरती से नजर नहीं आने वाले) हिस्से पर अपना स्पेसक्राफ्ट चांगी-4 उतारा। चांद के इस हिस्से पर पहली बार किसी स्पेसक्राफ्ट ने लैंडिंग की है। अब तक अमेरिका, रूस और चीन ही चांद पर स्पेसक्राफ्ट उतार सके हैं।भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) का चंद्रयान-1 चांद पर उतारा नहीं गया था। वह चंद्रमा की परिक्रमा के लिए भेजा गया था। इसरोइस महीने के आखिरी तकअपने दूसरे मून मिशन-चंद्रयान-2 की लॉन्चिंग कर सकता है।

  1. धरती से चांद का एक ही हिस्सा नजर आता है। ऐसा इसलिए क्योंकि जिस गति से चांद धरती का चक्कर लगाता है उसी गति से वह अपनी धुरी पर भी घूमता है। ऐसे में उसका दूसरी तरफ का हिस्सा कभी भी धरती के सामने नहीं आ पाता।

  2. इस मिशन के तहत चांद के अंधेरे हिस्से की भू-संरचनाओं और घाटियों का अध्ययन किया जाएगा। वहां मौजूद खनिजों का पता लगाया जाएगा। इस हिस्से पर बर्फ के रूप में पानी जमा है इसलिए इसे इंसान के बसने के लिए आदर्श माना जाता है।

  3. पृथ्वी से नजर नहीं आने की वजह से चांद के दूसरे हिस्से पर मौजूद एयरक्राफ्ट से सीधे संपर्क हो पाना नामुमकिन है। ऐसे में चांगी-4 से संपर्क स्थापित करने के लिए एक सैटेलाइट मई में ही लॉन्‍च कर दिया गया था।

  4. चीन इस दशक के अंत तक चंद्रमा पर अंतरिक्ष यात्रियों को भी भेजना चाहता है। इसके अलावा एक मिशन के जरिए मंगल की धरती से मिट्टी लाने की भी उसकी योजना है।

  5. इसरो चंद्रयान-2 को पहले अक्टूबर 2018 में लॉन्च करने वाला था। बाद में इसकी तारीख बढ़ाकर 3 जनवरी और अब 31 जनवरी तय की गई है। इससे पहले इसरो ने 2008 में चंद्रयान-1 भेजा था। इसने चंद्रमा की परिक्रमा करते हुए उसकी सतह पर पानी होने की पुष्टि की थी।

  6. चंद्रयान-2 का पहले से तय भार बढ़ गया है। इस वजह से अब इसे जीएसएलवी से लॉन्च नहीं किया जा सकेगा। इसके लिए जीएसएलवी-मैक-3 में बदलाव किया गया है। यह जीएसएलवी-मैक-3-एम1 कहलाएगा।

  7. इसरो ने भारत के पहले मानव अंतरिक्ष मिशन गगनयान का खाका भी तैयार कर लिया है। इसके जरिए तीन अंतरिक्ष यात्री 350 से 400 किलोमीटर की ऊंचाई पर अंतरिक्ष यान में बैठकर पृथ्वी का चक्कर लगाएंगे। वे बेहद कम गुरुत्वाकर्षण से जुड़े प्रयोग करेंगे। यह मिशन दिसंबर 2021 तक पूरा करने का लक्ष्य है। इससे पहले यह प्रयोग दो बार मानवरहित किया जाएगा।

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      चांगी-4 चांद पर लैंडिंग के बाद। यह फोटाे चीन की अंतरिक्ष एजेंसी सीएनएसए ने जारी किया।


      लैंडिंग से पहले चांगी-4 ने चंद्रमा की सतह की फोटो भेजी। यह फोटाे चीन की अंतरिक्ष एजेंसी सीएनएसए ने जारी किया।


      चांगी-4 को 8 दिसंबर को लॉन्च किया गया था।

      Source: bhaskar international story