जापान में नौकरी छोड़ना संस्कृति के खिलाफ, इस्तीफे के लिए एजेंसियों की मदद ले रहे कर्मचारी
टोक्यो. युचिरो ओकाजी और तोशियुकि निनो नौकरी छोड़ने में माहिर हैं। वे पिछले 18 महीने में 1500 जॉब से इस्तीफा दे चुके हैं। ये आंकड़े चौकाने वाले लग सकते हैं, लेकिन हकीकत यह है कि ओकाजी और निनो ने इतने इस्तीफे अलग-अलग क्लाइंट की ओर से दिए हैं। जापान में नौकरी छोड़ना संस्कृति के खिलाफ माना जाता है। इसलिए कर्मचारी खुद इस्तीफा नहीं देना चाहते हैं। इसके लिए वे एजेंसियों की मदद लेते हैं। युचिरो ओकाजी और निनो भी ऐसी ही एक एजेंसी चलाते हैं।
ओकाजी कहते हैं कि ज्यादातर कर्मचारियों को लगता है कि उनके बॉस उन्हें इस्तीफा नहीं देने देंगे। यह जापान की संस्कृति से जुड़ा मामला है। वहां किसी भी मामले में क्विट करना अच्छा नहीं माना जाता है। चाहे वह नौकरी ही क्यों न हो। इसलिए वहां दूसरे की ओर से इस्तीफा देने के लिए एजेंसियां काम कर रही हैं।
एक मामला निपटाने के लिए 50 हजार येन (करीब 32 हजार रुपए) तक फीस ली जाती है। एजेंसी इस्तीफा देने को इच्छुक कर्मचारी की ओर से उनकी कंपनी से बात करती है और इस्तीफा तैयार कर भेज देती है। हालांकि,कई बार कंपनी कर्मचारी को खुद आकर इस्तीफा देने के लिए कहती है। तब बचने के लिए कर्मचारी खुद को मृत भी घोषित कर देते हैं।
जापान में आमतौर पर कर्मचारी एक ही कंपनी में अपना प्रोफेशनल जीवन गुजार देते हैं, लेकिन हाल के वर्षों में जॉब बदलने का ट्रेंड बढ़ रहा है। जापान तेजी से बुजुर्ग होता देश बन रहा है। यानी वहां काम के लिए जरूरी संख्या में स्किल्ड युवा नहीं हैं। इसलिए कंपनियां नहीं चाहतीं कि कर्मचारी जॉब छोड़ें। ऐसे में दूसरे की ओर से इस्तीफा देने वाली एजेंसियों की डिमांड भी बढ़ रही है।
जापान में अभी करीब 30 एजेंसियां इस्तीफा देने में मदद का काम कर रही हैं। जॉब से अचानक गायब होने और फिर काम पर न लौटने को वर्क प्लेस घोस्टिंग कहा जाता है। यह टर्म डेटिंग की दुनिया से आया है। जब किसी रिलेशनशिप में शामिल व्यक्ति बिना किसी पूर्व सूचना के सारे संपर्क खत्म कर लेता है तो उसे रिलेशनशिप घोस्टिंग कहते हैं। अमेरिका और इंग्लैंड जैसे देशों में भी इन दिनों वर्क प्लेस घोस्टिंग का चलन बढ़ रहा है।
ऐसा नहीं कि वर्क प्लेस घोस्टिंग सिर्फ कर्मचारी करते हैं। इस काम में कंपनियां भी पीछे नहीं हैं। इंग्लैंड की एक रिक्रूटमेंट कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर क्रिस गैरी कहते हैं कि कई बार कंपनियां इंटरव्यू लेने के बाद आवेदकों से संपर्क नहीं करतीं। कुछ मामलों में तीन-चार राउंड इंटरव्यू के बाद भी आवेदकों को नहीं बताया जाता कि वे उन्हें हायर नहीं कर रही हैं। जब आप किसी का इंटरव्यू लेते हैं और उसे जॉब पर नहीं रखना चाहते तो उसे यह जानकारी देना चाहिए कि आप उसकी नियुक्ति नहीं करने जा रहे हैं।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
Source: bhaskar international story