तीन देशों में 4 महीने के लिए बनाए जाते हैं इग्लू होटल, ऑफर दिया जाता है- बर्फ पिघलने से पहले आएं
बर्न. स्विट्जरलैंड, जर्मनी और ऑस्ट्रिया के पहाड़ी इलाकों में ठंड के चार महीने के लिए इग्लू (बर्फ से बनाए गए) होटल बनाए जाते हैं। इन होटलों में पर्यटकों को रुकने के लिए कुछ खास तरह के ऑफर दिए जाते हैं। उनसे कहा जाता है कि होटल में रुकने का लुत्फ तभी तक उठाया जा सकता है जब तक बर्फ पिघल नहीं जाती। लिहाजा पर्यटक बर्फ पिघलने के पहले आएं। ये होटल क्रिसमस से लेकर अप्रैल तक ही रहते हैं।
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बर्फ से बने ये खास होटल हर साल 3 देशों की 7 जगहों पर तैयार किए जाते हैं। इनमें से पांच जगहें स्विट्जरलैंड, एक जर्मनी और एक ऑस्ट्रिया में है। इग्लू-विलेजेस नाम की संस्था इन होटलों को बनाती है।
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होटलों की दीवारें, फर्श और छत बर्फ की ही होती हैं। दावोस (स्विट्जरलैंड) में बनाए गए होटल में 15 कमरे हैं। इन्हें एक बर्फीली सुरंग से जोड़ा गया है। 7 जगहों पर बनाए गए होटलों के कमरों की संख्या अलग-अलग होती है। ज्यादातर कमरों में शेयरिंग बाथरूम रखा गया है।
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होटल के कमरों को एक थीम मसलन किसी देश (प्राचीन रोम, जापान), माइथोलॉजी, जेम्स बॉन्ड और समुद्री कलाकृति के आधार पर सजाया जाता है। दीवारों पर कलाकृति उकेरने के लिए अंतरराष्ट्रीय कलाकार बुलाए जाते हैं।
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बर्फीले होटल में ठंड से निपटने के सारे इंतजाम होते हैं। गद्दों को गर्म रखा जाता है ताकि पर्यटकों ठीक से सो पाएं। ज्यादा ठंड लगे तो आप स्लीपिंग बैग भी ले सकते हैं। बिछाने के लिए भेड़ की खाल भी मिलती है।
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बर्फ ऊष्मा की कुचालक (बेड कंडक्टर) होती है। इसलिए बाहर कितनी भी ठंड पड़ जाए, होटल के अंदर का तापमान स्थिर होता है। स्विट्जरलैंड के होटल के मैनेजर मॉरियस मोसीमैन कहते हैं कि अगर बाहर का तापमान माइनस 10-20 डिग्री सेल्सियस है तो अंदर का टेम्परेचर आपको जीरो डिग्री ही मिलेगा। आपको अपने अपार्टमेंट में ही रहने का अहसास होगा।
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होटल के एक कमरे का किराया 500 डॉलर (करीब 35 हजार रुपए) है। होटल में सॉना (स्टीम) और जकूजी (बड़े टब में कुछ लोगों के साथ बैठकर नहाना) बाथ की भी व्यवस्था है। आउटडोर में बार और रेस्त्रां इंडोर में बनाया गया है।
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Source: bhaskar international story