दुनिया का इकलौता ऐसा देश, जहां 96% आबादी के पास खुद का घर
बुखारेस्ट. रोमानिया दुनिया का ऐसा इकलौता देश है जहां सबसे ज्यादा लोगों के पास अपना घर है। यूरोस्टेट डेटा के मुताबिक, 96% रोमानियाई आबादी खुद के घर में रहती है। यहां सरकारी नीतियों औरकिराए का घर लेने के कम मौके और सामाजिक दबाव की वजह से लोग घर खरीदने को ज्यादा अहमियत देते हैं।
रोमानिया के शहरी विकास योजना के एक्सपर्ट और प्रोफेसर बोगदान सुदितु के मुताबिक, देश में 1990 में साम्यवादी शासन का अंत हुआ। तब तक सरकार के आधिपत्य में देश के 70% अपार्टमेंट थे। जब सरकार ने अपार्टमेंटबेचना शुरू किए तो खरीदारों की जैसे बाढ़ आ गई। उस वक्त सरकार ने करंसी का मूल्य कम किया था, लिहाजा घरों की कीमतें भी कम थीं।
कलर टीवी की कीमत में घर मिलता था
सुदितु के मुताबिक, 1991 में एक लाख लियु (रोमानियाईमुद्रा) में घर मिल जाता था। 1994 में तो कलर टीवी की कीमत में घर मिल रहा था। दरअसल रोमानिया में घर न सिर्फसस्ते थे, बल्कि सरकार ने 1996 के बाद से सार्वजनिक आवास योजना में घर बनवाना काफी कम कर दिया था। लिहाजा लोगों में निजी संपत्तिखरीदने का प्रचलन बढ़ा।
यहां लोनसस्ता है
सुदितु बताते हैं कि रोमानिया में हमेशा से घर खरीदना प्रचलन में रहा हो, ऐसा नहीं है। लेकिन लोगों में प्रॉपर्टी खरीदने को लेकर एक सोच जरूर रही है। रोमानिया में हर कोई आपको प्रॉपर्टी खरीदने का आइडिया देगा। आपके माता-पिता भी ऐसा करने के लिए कहेंगे। घर खरीदने के लिए बैंक आपको सस्ता लोन ऑफर करेंगे, बिल्डर्स भी आपको सस्ता घर खरीदने के उपाय बताएंगे। कुल मिलाकर रोमानिया में आपको कोई भी यह बता सकता है कि किसी भी हालात में घर कैसे खरीदा जा सकता है?
नौसाल पहले नीति बनी
रोमानिया में पहला घर लेने के लिए 2009 में सरकार की योजना भी सामने आई। यह भी काफी लोगों को अपना घर लेने में मददगार साबित हुई। क्रेडिट ब्रोकर द्रागोस निचिफर कहते हैं कि सरकार की यह पॉलिसी रियल एस्टेट में बूम लाने वाली शामिल हुई। लोगों को इस योजना से 5% एडवांस पेमेंट पर लोन मिलने लगे। कई दूसरी तरह के मामले भी सामने आए।
किराए पर घर लेने का नियम नहीं
निचिफर के मुताबिक, रोमानिया में किराए का घर लेने में दिक्कत होती है क्योंकि इसके लिए यहांकोईकानूनी प्रावधान नहीं हैं। ऐसे मेंलोग खुद का घर लेने को तरजीह देते हैं। रियल एस्टेट डेवलपर्स भी लोगों को खरीदने वाले यूनिट दिखाते हैं, किराए से देने वाली नहीं।
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Source: bhaskar international story