धूल खाती मिली 400 साल पुरानी पेंटिंग, नीलामी में 1200 करोड़ रुपए में बिकने की संभावना
पेरिस. दुनिया के सबसे लोकप्रिय पेंटरों में से एक माइकल एंजेलों की एक 400 साल पुरानी पेंटिंग नीलामी की कतार में है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, ‘ज्यूडिथ एंड होलोफेरनेस’ नाम की यह पेंटिंग माइकल ने 1607 में बनाई थी। माना जा रहा है कि इस पेंटिंग को 7 जून को होने वाली नीलामी में 17 करोड़ डॉलर (करीब 1200 करोड़ रुपए) मिल सकते हैं। खास बात यह है कि माइकल एंजेलो की यह अद्भुत रचना बनने के कुछ समय बाद ही गुम हो गई थी।
खराब हो सकती थी पेंटिंग
इसके मिलने की घटना भी कम चौंकाने वाली नहीं है। हाल ही में फ्रांस में एक नीलामी करने वाले मार्क लबार्ब को यह उनके टूलो स्थित घर में सामान में धूल खाती मिली थी। इसके आसपास पानी भी फैला हुआ था, जिससे पेंटिंग खराब हो सकती थी। जब मार्क ने यह पेंटिंग आर्ट एक्सपर्ट एरिक तुर्किन को दिखाई तो उन्हें इसके बारे में जान कर बड़ा झटका लगा। जिस चीज को वे छोटी-मोटी पेंटिंग समझ रहे थे वो करोड़ों की निकली।
2 पत्रों से हुई पेंटिंग की पहचान
एरिक तुर्किन ने पेंटिंग की पहचान इसके साथ मिले दो पत्रों के जरिए की। यह पत्र 1619 में इटली के मनतुआ राज्य के राजा (ड्यूक ऑफ मनतुआ) को लिखे गए थे। इसमें पेंटिंग की पूरी जानकारी थी। साथ ही यह कहां बनी और इसकी कॉपी किसके पास है यह भी विस्तार से दिया गया था।
सरकार से दो साल तक छिपाई पेंटिंग मिलने की बात
मार्क लबार्ब को यह पेंटिंग 2014 में मिली थी। लेकिन एरिक तुर्किन ने इसे उजागर करने के बजाय अपने बेडरूम में दो साल तक सरकार से छिपा कर रखा। 2016 में पहली बार इस पेंटिंग की बात फ्रेंच सरकार को पता चली और जांचकर्ताओं और लोकप्रिय लूवर म्यूजियम के एक्सपर्ट्स को पेंटिंग जांचने के लिए एरिक के घर भेजा गया। हालांकि, बाद में लूवर म्यूजियम ने इसे खरीदने से मना कर दिया, जिससे यह पेंटिंग मार्क और एरिक के पास ही रह गई। कई आर्ट एक्सपर्ट्स ने दावा किया है कि यह पेंटिंग एक बार में इतना जुटा सकती है, जितना लूवर म्यूजियम 4 साल में खर्च करता है।
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Source: bhaskar international story