बांध बनने के बाद 12 हजार साल पुराना शहर हसनकीफ कुछ हफ्तों में जलमग्न हो जाएगा
अंकारा. तुर्की के हसनकीफ शहर में इलिसु बांध बनाए जाने के कारण 12 हजार साल पुराना शहर हफ्तेभर में जलमग्न हो जाएगा। बताया जाता है कि यह शहर मेसोपोटामिया की सबसे पुरानी बस्तियों में एक है। इलिसु बांध तुर्की का चौथा सबसे बड़ा बांध होगा। यह एक ऐसी परियोजना है जो सालों से विवादों में घिरी है। बांध के कारण पिछले साल 600 साल पुरानी मस्जिद को दूसरे जगह शिफ्ट किया गया था। रिपोर्ट के मुताबिक, बांध के बनाए जाने से 80 हजार से ज्यादा लोग बेघर हो जाएंगे।
बीते दिनों यहां के स्थानीय गवर्नर ने कहा था कि हसनकीफ की आठ अक्टूबर को घेराबंदी की जाएगी। वहां के निवासियों को अपने घर खाली करने के लिए एक महीने से ज्यादा का समय दिया गया है। बांध के बनाए जाने से इस क्षेत्र में बिजली का उत्पादन होगा।
यह शहर दक्षिण-पूर्व तुर्की में टिगरिस (दजला) नदी के किनारे बसा है। ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण विशेषताओं में यहां 12वीं शताब्दी के पुल केअवशेष, 15वीं शताब्दी के मकबरे, दो मस्जिदों के खंडहर और सैकड़ों प्राकृतिक गुफाएं हैं।
तुर्की के विदेश मंत्रालय के अनुसार पुनर्वास की प्रक्रिया पूरी होने के बाद शहर की सड़कों, घरों और ऐतिहासिक स्थलों को फिर से उकेरा जाएगा। बांध के बनने से कई तरह के आर्थिक और पर्यावरणीय फायदे होंगे।
हसनफीक शहर बैटमैन प्रांत में स्थित है। यहां के गवर्नर हुलसी साहिन ने कहा था कि जब क्षेत्र में नई सड़क शुरू की जाएगी तो प्राचीन शहर बंद हो जाएगा। अब से पुरानी बस्ती में कोई यातायात नहीं होगा औरइसे पूरी तरह से सुरक्षा घेरे में ले लेंगे।
शहर को बचानेवाले कई समूहों ने सरकार के इस कदम पर नाराजगी जताई।ब्रिटेन समेत कई देशों ने इलिसु बांध बनाए जाने से अपना समर्थन 2001 में वापस ले लिया था।2008 में बांध के लिए यूरोपीय देशों से मिलने वालाफंड भी बंद हो गयाथा।
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Source: bhaskar international story