भारतीय मूल के छात्र ने 2 रोबोट बनाए, समुद्र की सफाई और खेती में मदद करेंगे
दुबई. संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में भारतीय मूल के एक छात्र साईंनाथ मणिकंदन नेदोरोबोट तैयार किए हैं। ये रोबोट पर्यावरण को साफ रखने के साथ कृषि कार्यों को आसान बनाएंगे। मरीन रोबोट क्लीनर (एमबोट क्लीनर) समुद्री की ऊपरी सतह को साफ करने में कारगर है तो एग्रीकल्चर रोबोट (एग्रीबोट) उन मजदूरों के लिए फायदेमंद रहेगा जो यूएई जैसे गर्म देशों में काम करते हैं। साईंनाथ अबु धाबी के जेम्स यूनाइटेड इंडियन स्कूल में पढ़ता है।
मणिकंदन ने जो एमबोट तैयार किया है, वह नाव की शक्ल का है। इसके जरिए समुद्र की सतह पर तैरने वाले कचरे को आसानी से साफ किया जा सकता है। यह प्रोटोटाइप रोबोट है, जो रिमोट से भी चलाया जा सकता है। इसमें दो मोटरें लगी हैं, जिनसे नाव पानी में तैरती है।
एमबोट के पहियों में दो छड़ीनुमा चीजें लगी हैं। दोनों चीजें तीसरी मोटर से जुड़ी हुई हैं। इनके जरिए पानी में मौजूद कचरा स्टोरेज बास्केट में पहुंचा दिया जाता है।यह बैटरी से चलता है, लेकिन इसे सोलर पैनल से भी चलाया जा सकता है।
साईंनाथ का कहना है कि यह रोबोट पानी में मौजूद गंदगी को साफ करता है, लेकिन इसका इस्तेमाल बेहतर पर्यावरण के निर्माण में भी किया जा सकता है। उसका कहना है कि बड़े पैमाने पर इनका निर्माण करपर्यावरण को दुरुस्त रखा जा सकता है। एग्रीबोट में भी सोलर पैनल लगा है। इसमें ड्रोन के इस्तेमाल की भी सुविधा है। ड्रोन के जरिए खेतों में बीजारोपण किया जा सकता है।
एग्रीबोट से खेत की जुताई भी की जा सकती है। खलीज टाइम्स से बातचीत में साईंनाथ ने कहा कि एग्रीबोट में कई विकल्प रखे गए हैं। जिस काम को भी करना हो, उस मोड पर रोबोट को सेट करना पड़ता है।
साईंनाथ पर्यावरण से जुड़े कई कार्यक्रमों से भी जुड़ा है। तंजा इको जेनरेशन के कार्यक्रम ड्रॉप इट यूथ से वह लंबे समय से संबद्ध है। अमीरात पर्यावरण कार्यक्रमका वह सक्रिय सदस्य है। उसका कहना है कि वह खुद एक अभियान चलाकर पेपर, इलेक्ट्रानिक कचरा, प्लास्टिक और केन्स को री-साइकिलिंग के लिए एकत्र करता है।
उसका कहना है कि री-साइकिलिंग के जरिए पर्यावरण को हमेशा के लिए स्वच्छ रखा जा सकता है। जो चीजें कचरे की शक्ल ले चुकी हैं, उनसे उपयोगी सामान तैयार हो सकता है।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
Source: bhaskar international story