भारतीय राजनयिक ने लिखा था अर्थ एंथम, 50 विदेशी भाषाओं में हो चुका है अनुवाद
अन्तानारिवो (मेडागास्कर).भारतीय विदेश सेवा के अधिकारी और कवि अभय कुमार द्वारा रचित अर्थ एंथम का अब तक 50 विदेशी भाषाओं में अनुवाद हो चुका है। इस एंथम का हाल ही में जुलू भाषा में अनुवाद किया गया है। इस एंथम का अभी तक अम्हरिक, मंगोलियन, खासी, स्वाहिली, गेलिक, जोंग्खा, भासा, योरूबा आदि भाषाओं में अनुवाद हुआ है। अभय बिहार के राजगीर के रहनेवाले हैं और वर्तमान में वे पूर्वी अफ्रीकी देश कोमोरोस में भारत के राजदूत हैं।
इस एंथम को विदेश मंत्रालय के अंतर्गत आने वाली संस्था भारतीय सांस्कृतिक संबद्ध परिषद ने 2013 में विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर रिलीज किया था। इसकी एक पंक्ति- ‘सब वनस्पति, सब जीव संग-संग/ संग-संग पृथ्वी की सब प्रजातियां।’ इसके माध्यम से कवि यह ध्यान दिलाना चाहते हैं कि जिस प्रकार इंसान इस धरती पर महत्वपूर्ण है, उसी प्रकार अन्य प्रजातियां भी इस धरती के लिए उतना ही अहम है। इस एंथम को विश्व प्रसिद्ध वाॅयलिन वादक डॉ. एल सुब्रमण्यम ने कंपोज किया है और कविता कृष्णमूर्ति ने अपना स्वर दिया है।
इसे पहली बार नेपाली भाषा में कंपोज किया गया
अभय जब 2008 में रूस के सेंट पीटर्सबर्ग में तैनाती के दौरान यहएंथमलिखा था। इसे पहली बार नेपाल के काठमांडू में सपन घिमिरे ने कंपोज कियाऔर नेपाली गायक श्रेया सोतांग ने छह आधिकारिक भाषा समेत आठ भाषाओं में गाया। ब्रासीलिया के फिलहार्मोनिक ऑर्केस्ट्रा ने 2018 में अर्थ एंथम की प्रस्तुति दी थी और इसे इस साल जून में इसे प्रदर्शित किया गया। इसे पुर्तगालीभाषा में भी रिकॉर्ड किया गया था। यूनेस्को ने कहा था कि अर्थ एंथम क्रिएटिव और प्रेरणादायी है और यह दुनिया को एक साथ लाने में मददगार है।
कैलाश सत्यार्थी ने एंथम की सराहना की थी
इस एंथम को नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी, दादा साहब फाल्के पुरस्कार विजेता फिल्मकार श्याम बेनेगल और ऑस्कर पुरस्कार विजेता जेफ्फ्री ब्राउन जैसे अंतरराष्ट्रीय शख्सियतों द्वारा सराहा जा चुका है। अभय कुमार ने अर्थ एंथम को नए अंदाज में संगीतबद्ध करने के लिए विश्वभर के कंपोजर्स और म्यूजिशियन्स को आमंत्रित किया है।
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Source: bhaskar international story