महिलाएं हाई हील पहनकर दफ्तर नहीं जाना चाहतीं; मीटू की तर्ज पर शुरू किया # कुटू कैंपेन
टोक्यो.जापान में महिलाओं को दफ्तरों में हाई हील्स पहनना जरूरी है। इसको लेकर महिलाएं काफी परेशान हैं। एड़ी और पैर दर्द की शिकायतें बढ़ने लगीं। दफ्तर में काम के दौरान उनका मन नहीं लगता है। इन परेशानियों को देखते हुए 32 साल की अभिनेत्री और मॉडल यूमी इशिकावा ने एक पहल की। उन्होंने ‘हैशटैग मीटू’ अभियान की तर्ज पर ‘हैशटैग कुटू’ शुरू किया।
पुरुष भी समर्थन में आगे आए
जापानी भाषा में कुत्सू का मतलब जूता होता है। कुत्सु का कु और मीटू का टू जोड़कर इस अभियान का नाम ‘हैशटैग कुटू’ रखा। एक चर्चित वेबसाइट पर चलाए जा रहे इस अभियान में उन्होंने हफ्तेभर में ही 15 हजार लोगों का समर्थन जुटाते हुए उनसे दस्तखत करवाए। इसके पहले जनवरी में उन्होंने रोजाना एक मैसेज ट्वीट करके विरोध जताना शुरू किया था। जवाब में लाखों की संख्या में लोगों ने उनका मैसेज री-ट्वीट किया और लाइक्स भेजे। दो महीने तक यूमी ने सोशल मीडिया पर अपना अभियान जारी रखा। जापान में इस मुद्दे ने अब आंदोलन का रूप ले लिया है। पुरुष भी समर्थन में उतर गए हैं।
कंपनियों में लागू है ड्रेस कोड
जापान में ज्यादातर कंपनियों और सार्वजनिक संस्थाओं में कर्मचारियों के लिए ड्रेस कोड लागू है। पुरुषों को सूट और डार्क कलर के जूते जबकि महिलाओं को स्कर्ट के साथ हाई हील्स पहनना जरूरी है। यूमी बताती हैं कि मैंने लोगों का समर्थन जुटाने के लिए पिटीशन दाखिल की। मैं लिंगभेद को खत्म करना चाहती हूं। इस अभियान में 25 हजार लोगों का समर्थन जुटाकर मैं साबित करना चाहती हूं कि महिलाओं पर सख्ती खत्म होनी चाहिए।
पुरुषों ने कहा- हमें भी क्लीन शेव रखने से आजादी मिलनी चाहिए
जापान के दफ्तरों में महिलाओं के हाई हील्स पहनने की अनिवार्यता को लेकर चल रहे अभियान में लोगों ने कई दिलचस्प सुझाव भी दिए हैं। एक यूजर ने लिखा कि ‘यह केवल महिलाओं की नहीं बल्कि सामाजिक समस्या है।’ एक यूजर ने लिखा कि अभियान का हम समर्थन करते हैं, बशर्ते पुरुषों को भी क्लीन शेव से मुक्ति मिलनी चाहिए। जापान में सरकारी कर्मचारियों के लिए दफ्तर में क्लीन शेव रखना अनिवार्य है। एक यूजर ने कहा- ‘महिलाएं हाई हील पहनना ही बंद कर दें।
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Source: bhaskar international story