महिला की फोन लूटकर भागा था आरोपी, चश्मदीदों की पहचान के आधार पर पुलिस ने एक शख्स को किया अरेस्ट, कोर्ट ने सुनाई 19 साल जेल की सजा
कंसास. यहां एक निर्दोष व्यक्ति रिचर्ड एंथनी जोंस को अपने हमशक्ल अपराधी के जुर्म के चलते 17 साल जेल में बिताने पड़े। उसे लूटपाट की घटना के बाद आरोपी बनाया गया था और 19 साल जेल की सजा सुनाई गई थी। हालांकि, अब असल क्रिमिनल रिकी ली अमोस ने जुर्म कबूल लिया है। कोर्ट ने जोंस के निर्दोष होने का सर्टिफिकेट जारी कर दिया है। उसे मुआवजे में 1.1 मिलियन डॉलर (करीब 8 करोड़ रुपए) मिलेंगे।
बेगुनाह जोंस को सारे फायदे मिलेंगे
– कंसास के अटॉर्नी जनरल डेरेक श्मिट ने कहा- हमसे असल अपराधी को पकड़ने में गलती हुई लेकिन अब सही क्रिमिनल ने अपराध कबूल लिया है। जितना जल्दी हो सके, हम मामले को निपटाने की कोशिश कर रहे हैं। निर्दोष जोंस को वो सारे फायदे मिलेंगे जिसके वे हकदार हैं।
– जोंस ने खुद के निर्दोष साबित होने पर पिछले साल 1.1 मिलियन डॉलर के मुआवजे की अपील की थी। श्मिट के मुताबिक- यह पहला मामला है कि जिसमें गलती से पकड़े गए निर्दोष ने कोई केस दायर किया था।
कब-कैसे हुई थी घटना
– 1999 में एक व्यक्ति ने रोलैंड पार्क स्थित वॉलमार्ट की पार्किंग से एक महिला का पर्स छीनने की कोशिश की। महिला से उसकी झड़प हो गई। पर्स तो बच गया लेकिन चोर ने महिला का सेलफोन चुरा लिया।
– चश्मदीदों ने पुलिस को बताया कि अपराधी हिस्पैनिक (मैक्सिकन) या अफ्रीकन-अमेरिकन हो सकता है। लोगों ने उसका नाम रिकी बताया। एक चश्मदीद ने लुटेरे की कार पर लिखा लाइसेंस नंबर पुलिस को बताया।
– जांच शुरू हुई तो एक ड्राइवर ने जोंस को रिकी के रूप में पहचाना। जबकि सच यह था कि लूट की कोशिश के दौरान जोंस अपनी गर्लफ्रेंड की जन्मदिन पार्टी में थे। इसके दूसरे दिन जोंस और उनकी गर्लफ्रेंड ने साथ में फिल्में देखीं।
– मामले की जांच के दौरान जोंस का क्रिमिनल रिकॉर्ड पाया गया, लिहाजा जज ने उन्हें 19 साल जेल की सजा सुना दी। जोंस की अपील भी खारिज कर दिया गया।
इंसाफ के लिए मांगी मदद
– इसके बाद जोंस ने कंसास यूनिवर्सिटी के प्रोजेक्ट ऑफ इनोसेंस में अप्लाई किया। इस प्रोजेक्ट के जरिए लोगों को इंसाफ दिलाया जाता है। प्रोजेक्ट टीम ने असल अपराधी और जोंस के हमशक्ल रिकी ली अमोस को खोज निकाला। टीम ने रिकी और उससे जुड़े दस्तावेज कोर्ट में पेश किए।
– जिन लोगों ने जोंस के खिलाफ गवाही दी थी, उनसे दोबारा पूछताछ की गई। उन्होंने भी कहा कि वे पक्का नहीं कह सकते कि लूट में जोंस ही शामिल था। इसके बाद जज ने जून 2017 में जोंस की रिहाई का आदेश दे दिया।
– कोर्ट ने बीते हफ्ते मुआवजे की रकम दिए जाने के आदेश के अलावा जोंस को पूरी तरह निर्दोष साबित होने का सर्टिफिकेट भी जारी किया। कोर्ट ने जोंस के सारे बायोलॉजिकल सैंपल खत्म करने का भी आदेश दिया ताकि आगे कोई गलती की गुंजाइश न रहे।
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Source: bhaskar international story