मां ने किया 6 साल की लड़की का सौदा, पड़ोस में रहने वाले एक बुजुर्ग को बेचा, कहा- इसके अलावा नहीं था कोई रास्ता
हेरात. अफगानिस्तान में एक महिला ने अपनी 6 साल की बेटी को बेच दिया, क्योंकि उसके पास इसके सिवा कोई रास्ता नहीं था। सूखे की मार झेल रहे अफगानिस्तान में कई परिवारों का यही हाल है। महिला ने अपनी बेटी को पड़ोस में रहने वाले एक बुजुर्ग शख्स को बेच दिया है, ताकि उसके बाकी तीन बच्चों को खाना मिल सके। वहीं बच्ची को खरीदने वाले बुजुर्ग का कहना है कि यहां के लिए ये कोई नई बात नहीं है। यहां और भी कई परिवार ऐसा कर रहे हैं।
2 लाख रुपए में हुआ था सौदा
– अफगानिस्तान भयानक सूखे की चपेट में है। यहां हेरात शहर के पास एक पुराने कैम्प में रहने वाले कई पेरेंट्स ने रिपोर्टर्स से बातचीत में बताया कि वो अपने बच्चों को भी बेचने को राजी हैं, ताकि उन्हें खाना मिल सके।
– एक महिला ने सीएनएन से बातचीत में बताया कि उसने अपनी बेटी अकीला को बगल के टेन्ट में रहने वाले एक बुजुर्ग शख्स को बेच दिया है। भयानक अकाल के चलते मैंने अपने तीन बच्चों के साथ गांव छोड़ दिया है।
– महिला ने कहा मैंने अपने बच्चों को भूखा मारने से बचने के लिए अपनी बेटी बेच दी। उसका सौदा 2 लाख में हुआ था लेकिन मुझे अभी सिर्फ 5 हजार रुपए मिले। मेरे पास न पैसे, न खाना और न ही कोई कमाने वाला है।
– इस बातचीत के दौरान मां के पास बैठी अकीला को इस बात अंदाजा भी नहीं था कि उसे बेच दिया गया है और अब उसकी किस्मत में आगे क्या है।
'बच्ची खरीदने वाला मैं अकेला शख्स नहीं'
– सीएनएन ने जब उस बुजुर्ग नजमुद्दीन से बात की, जिसे लड़की बेची गई थी तो उसने बताया कि लड़की की फैमिली के पास खाने के लिए कुछ भी नहीं था। बेटी को बेचने से उन्हें पेट भरने के लिए कुछ पैसे मिल गए।
– बुजुर्ग ने कहा कि अकीला की शादी मैं अपने 10 साल के बेटे शेर आघा से करूंगा। उसने कहा कि इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि वो कितनी छोटी है। यहां के लिए ये आम बात है क्योंकि यहां पर बुजुर्ग भी कम उम्र की लड़कियों से शादी कर लेते हैं।
– नजमुद्दीन ने बताया कि उसकी अपनी भी गेहूं और तरबूज की फसल बर्बाद हो गई है। उसकी भेड़, गाय और बकरियां सब मर गईं क्योंकि उन्हें खिलाने के लिए घर में कुछ था ही नहीं।
– उसने ये भी कहा कि वो कैम्प में कोई अकेला व्यक्ति नहीं है, जिसने बच्ची को खरीदा है। कैम्प में रह रहा था हर दूसरा परिवार पेट पालने के लिए ये सब कर रहा है। बता दें, टेम्परेरी कैम्प में रह रहे 275,000 लोग अकाल का सामना कर रहे हैं।
– हेरत के इसी कैम्प में रहने वाले एक और शख्स ने नाम का खुलासा न करने की शर्त पर बताया कि उसने भी अपना कर्ज चुकाने के लिए अपनी 4 साल की बेटी को बेच दिया है।
20 लाख लोग अकाल के शिकार
– यूएन के मुताबिक, यहां अकाल के चलते बहुत ही बदतर हालात हैं। इसके चलते इतने लोगों ने अपना शहर और घर छोड़ दिया है, जितना तालिबान और सरकार के बीच जंग के चलते भी नहीं छोड़ा।
– ऑर्गेनाइजेशन के मुताबिक, देश के 20 प्रोविन्स के 20 लाख लोग भयानक अकाल का सामना कर रहे हैं। इनके पास पेट भरने के लिए बिल्कुल भी अनाज नहीं है।
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Source: bhaskar international story