मैक्सिको बॉर्डर पर ट्रम्प का सेना भेजने का आदेश एक राजनीतिक हथकंडा: ओबामा
वॉशिंगटन.अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने मैक्सिको बॉर्डर पर सेना भेजे जाने के डोनाल्ड ट्रम्प के फैसले को महज पॉलिटिकल स्टंट करार दिया है। ओबामा के मुताबिक, इसे देशभक्ति नहीं कहा जा सकता। तीन देशों के करीब 10 हजार से ज्यादा लोग मैक्सिको होकर अमेरिका की तरफ आ रहे हैं।
रोजगार और अच्छे जीवन की तलाश में लैटिन अमेरिकी देशों होंडुरास, ग्वाटेमाला और अल सल्वाडोर से करीब 10 हजार लोगों का कारवां अमेरिका की ओर बढ़ रहा है। इन्हें रोकने को लिए अमेरिका-मैक्सिको बॉर्डर पर 15 हजार सैनिक तैनात किए जाएंगे। इस बीच डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि अगर भीड़ पथराव करती है तो सेना को उन पर गोली चलाने में जरा भी हिचकना नहीं चाहिए।
ट्रम्प ने कहा कि अमेरिकी सेना अवैध रूप से आ रहे अप्रवासियों पर गोलीबारी नहीं करेगी। वह एक देश की जिम्मेदार सेना है। लेकिन लोगों ने सेना पर पत्थर बरसाए, जैसा उन्होंने मैक्सिको में किया था तो इसका जवाब गोलियों से दिया जाएगा। पत्थर और गोलियां चलाने में ज्यादा फर्क नहीं है।
ओबामा ने जॉर्जिया में एक चुनाव रैली में कहा- 2018 में उन्होंने (ट्रम्प) ने अचानक से देश पर खतरे की बात कही। गरीब किस्म के शरणार्थी हजारों किमी का सफर पैदल तय कर रहे हैं। उनके साथ बच्चे भी हैं। उनके पास पैसा नहीं है। यह भयावह है।
पूर्व राष्ट्रपति के मुताबिक- ट्रम्प सीमा पर हमारी सेना भेज रहे हैं। यह सिर्फ राजनीतिक हथकंडा है। देश की जमीन पर कानून को जबरन लागू नहीं किया जा सकता।
ट्रम्प का नाम लिए बगैर ओबामा ने कहा- उन्होंने वादा किया था कि वे मुश्किलों से बाहर निकालेंगे। वह अच्छी चीजों की तो बात करते हैं लेकिन बिगड़ी हुए हालात के बारे में कोई बात नहीं करना चाहते। एक सामान्य आदमी की तरह वह चीजों को सकारात्मक रुख देना जानते हैं। लेकिन यह किसी राजनेता का काम नहीं हो सकता।
ओबामा ने कहा- रिपब्लिकंस ने चुनाव से पहले जो वादे किए, चुनाव के बाद वे सब भूल गए। मुझे लगता है कि यह सब फिक्स था। वे वादे दोबारा नहीं सुने गए। 2010 में उन्होंने कहा था कि ओबामाकेयर आपकी दादी के लिए मौत लेकर आएगा।
ओबामा के मुताबिक- 2014 में रिपब्लिकंस ने कहा कि अमेरिकी इबोलावाइरस से पीड़ित हो रहे हैं। उनके चुनाव जीतने के बाद इबोला की चर्चा तक नहीं हुई। 2016 में हिलेरी के ईमेल का मामला उछाला। यह अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा का उल्लंघन था। आज अफसरों को ज्यादा चिंता इस बात की रहती है कि राष्ट्रपति के फोन कॉल्स चीन सुन रहा है जबकि राष्ट्रपति गोल्फ की गाड़ी में ही फोन भूल जाते हैं।
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Source: bhaskar international story