मोबाइल चोरी करना अब आसान नहीं, चुराते ही इतना वाइब्रेशन होगा कि पकड़ना मुश्किल हो जाएगा
स्टाॅकहाेम.अगर आप भीड़ भरी जगह पर हैं और आपकी जेब में मोबाइल भी रखा है, तो उसके चोरी होने का खतरा नहीं रहेगा। दरअसल, स्वीडन की कंपनी एरिक्सन ने एक ऐसी टेक्नोलॉजी विकसित की है, जिसमें चोर जैसे ही आपकी जेब से मोबाइल चुराने की कोशिश करेगा, वह इतनी तेजी से वाइब्रेट करेगा कि उसे पकड़ना आसान नहीं होगा। लो फ्रिक्शन मोड में आ जाने के कारण इसकी सतह चिकनी हो जाएगी और लगातार वाइब्रेट करने के कारण इस पर पकड़ मुश्किल हो जाएगी। हालांकि,अभी यह टेक्नोलॉजी बाजार में नहीं आई है।
एरिक्सन ने इस टेक्नोलॉजी को पेटेंट करवाने के लिए फरवरी में आवेदन किया है। कंपनी का कहना है कि पेटेंट मिलते ही हम इसका उत्पादन शुरू कर देंगे। इस टेक्नोलॉजी की खास बात यह है कि इसमें मोबाइल को चोरी से बचाने के लिए बायोमीट्रिक, फिंगरप्रिंट और पहचान के लिए ऑप्टिकल सेंसर लगाए गए हैं। यह सेंसर अलग-अलग मोड पर काम करेंगे। लो फ्रिक्शन मोड के जरिये दिल की धड़कनों से यह भी पता लगाया जा सकता है कि यह मोबाइल मालिक का है भी या नहीं। इसे कोई दूसरा तो उपयोग नहीं कर रहा है।
कंपनी का दावा- इससे चोरी की घटनाएं रुकेंगी
हाई फ्रिक्शन मोड में यह पता लगाया जा सकता है कि यह हाथ या जेब में है कि कहीं दूसरी जगह रखा है। कंपनी का मानना है कि इस टेक्नोलॉजी से दुनियाभर में मोबाइल चोरी की घटनाओं को आसानी से रोका जा सकेगा। फिलहाल एपल के आईओएस सेवन ऑपरेटिंग सिस्टम से संचालित होने वाले आईफोन में एक्टीवेशन लॉक की सुविधा है। जब एपल ने यह फीचर शुरू किया, तो लंदन में आईफोन की लूटपाट संबंधी घटनाओं में 24% और सेन फ्रांसिस्को में 38% की कमी आई।
अमेरिका में 31 लाख, यूके में साढ़े 4 लाख से ज्यादा मोबाइल चोरी :अमेरिका और यूके सहित कई देशों में बड़े पैमाने पर हर साल मोबाइल चोरी होते हैं। 2016 के आंकड़ों की बात करें तो अमेरिका में 31 लाख और यूके में साढ़े चार लाख मोबाइल चोरी की घटना दर्ज हुई थी। चोरी के लिए सबसे मुफीद हेंडसेट आईफोन माना गया क्योंकि यह हल्की उंगलियों के सहारे आसानी से चुराए जाते थे। लेकिन सैमसंग के फोन भी बड़ी संख्या में चोरी हुए हैं।
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Source: bhaskar international story