राष्ट्रपति रूहानी ने कहा- परमाणु प्रतिबंधों को नहीं मानते, यूरेनियम का संवर्धन तेजी से बढ़ाएंगे
तेहरान. ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने बुधवार को घोषणा की कि उनका देश 2015 के परमाणु समझौते के तहत लगाए गए प्रतिबंधों को नहीं मानेगा। उन्होंने कहा कियूरेनियम के तेजी से संवर्धन के लिए सेंट्रीफ्यूज (अपकेंद्रण संयंत्र) का इस्तेमाल किया जाएगा। वॉशिंगटन पोस्ट के अनुसार, रूहानी ने कहा कि यह फैसला शुक्रवार से प्रभावी होगा।
रूहानीके मुताबिक- ईरान की जो भी तकनीकी जरूरतें हैं, उन परशोध तुरंत शुरू करेंगे।इसकी देखरेख संयुक्त राष्ट्र की परमाणु निगरानी संस्था इंटरनेशनल एटॉमिक एनर्जी एजेंसी (आईएईए) करेगी। रूहानी ने यूरोपीय देशों को इस सौदे (2015 की परमाणु डील) को बचाने के लिए 60 दिनों की एक नई समय सीमा दी है। ईरान ने सौदे के तहत अपनी प्रतिबद्धताओं को कम करने कीबात कही है,जब तक कि यूरोपीय देशतेहरान को अमेरिकी प्रतिबंधों से राहत देने का अपना वादा पूरा नहीं करते।
इस बीच, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने बुधवार को कहा कि इस महीने होने वाली संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक के दौरान ईरानी राष्ट्रपति हसन रूहानी के साथ मुलाकात हो सकती है। मैं संभावनाओं से इनकार नहीं करता।
2015 में हुआ था परमाणु समझौता
2015 में ईरान ने अमेरिका, चीन, रूस, जर्मनी, फ्रांस और ब्रिटेन के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। समझौते के तहत ईरान ने उस पर लगे आर्थिक प्रतिबंधों को हटाने के बदले अपने परमाणु कार्यक्रम को सीमित करने पर सहमति जताई थी। ट्रम्प ने पिछले साल मई में ईरान परमाणु समझौते से अमेरिका के अलग होने की घोषणा की थी। इसके बाद से ही दोनों देशों के रिश्ते बहुत ही तल्ख हो गए। इस परमाणु समझौते के प्रावधानों को लागू करने को लेकर भी संशय की स्थिति बनी हुई है।
अमेरिका ने ईरान के अंतरिक्ष कार्यक्रम पर भी प्रतिबंध लगाए
बुधवार को अमेरिका ने तेहरान की अंतरिक्ष कार्यक्रम परनए प्रतिबंध लगा दिए। ईरान के इमाम खुमैनी अंतरिक्ष केंद्र में पिछले गुरुवार को हुए विस्फोट के बाद अमेरिका ने यह प्रतिबंध लगाया। साथ ही अमेरिका ने अंतरिक्ष कार्यक्रम के नाम पर बैलिस्टिक मिसाइल विकसित करने का भी आरोप लगाया।
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Source: bhaskar international story