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रिपब्लिकन सांसदों ने डिफेंस एक्ट में संशोधन का प्रस्ताव दिया, कहा- अपनी मर्जी से सेना का इस्तेमाल न करें ट्रम्प



वॉशिंगटन. रिपब्लिकन पार्टी के दो सांसदों मैट गेट्ज और रो खन्ना ने नेशनल डिफेंस ऑथराइजेशन एक्ट (एनडीएए) में संशोधन का प्रस्ताव पेश किया। इसके मुताबिक- ईरान पर सैन्य कार्रवाई से पहले राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को कांग्रेस (संसद) की अनुमति लेनी होगी। उनका कहना है कि युद्ध छिड़ने से खरबों रुपए का बोझ अमेरिकी अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा। ट्रम्प के लिए यह झटका है, क्योंकि दोनों सांसद उनकी ही पार्टी के हैं।

  1. 2016 के राष्ट्रपति चुनाव में प्रचार के दौरान ट्रम्प ने वादा किया था कि वे जीते तो दूसरे देशों में चल रही अंतहीन लड़ाईयों पर विराम लगाएंगे। तब उनका मानना था कि इससे अमेरिका को नुकसान ही हो रहा है।

  2. रिपब्लिकन पार्टी के सांसद गेट्स ने कहा कि वे ईरान के खिलाफ कड़े कदम उठाने का विरोध नहीं कर रहे हैं, लेकिन सैन्य कार्रवाई का फैसला संसद की स्वीकृति मिलने के बाद ही होना चाहिए।

  3. यूएस हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव की स्पीकर नेन्सी पेलोसी का भी मानना है कि ईरान के खिलाफ सैन्य कार्रवाई का फैसला ट्रम्प को संसद पर छोड़ देना चाहिए। हालांकि, अमेरिका में इसे लेकर कोई तय नियम नहीं है कि संसद की अनुमति के बगैर राष्ट्रपति किस तरह से सेना का इस्तेमाल कर सकतेहैं।

  4. हालांकि, अमेरिकी संविधान के मुताबिक- संसद ही राष्ट्रपति के प्रशासन को सैन्य कार्रवाई अनुमति देगी, लेकिन इसे लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं है कि पहले से चल रहे वॉर को जारी रखने का फैसला लेने का अधिकार किसे है।

  5. ट्रम्प ने सोमवार को ईरान पर कड़े प्रतिबंध लगाने वाले एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर कर दिए। उन्होंने कहा कि इन प्रतिबंधों से ईरान के सर्वोच्च नेता और अन्य अधिकारी अमेरिकी क्षेत्र मेंबैंकिंग सुविधा के लाभ नहीं उठा पाएंगे।

  6. उन्होंने कहा- हम तेहरान पर दबाव बढ़ाना जारी रखेंगे। ट्रम्प का दावा है कि वे ईरान को परमाणु हथियार हासिल नहीं करने देंगे। ट्रम्प के मुताबिक- अमेरिका पहले ही फैसला ले चुका है कि ईरान परमाणु हथियार की रेस से पीछे हटे।

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      डोनाल्ड ट्रम्प

      Source: bhaskar international story