रिसर्चर का दावा- मरने के कुछ घंटे बाद तक जिंदा रहती हैं दिमाग की कोशिकाएं
वॉशिंगटन. किसी की मृत्यु होने के बाद भी क्या उसका दिमाग सक्रिय रहता है, इस सवाल का जवाब तलाशने के लिए येल यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओंने सूअर की मौत के चार घंटे बाद उसके दिमाग को सक्रिय किया। जो परिणाम देखने को मिले, वेहैरत में डालने वाले थे। रिसर्चर का दावा है कि मौत के तुरंत बाद दिमाग की कोशिकाएं मृत नहीं होतीं,बल्कि वे कुछ हद तक सक्रिय रहती हैं। उनका दावा है कि यह शोध अल्जाइमर्स (याददाश्त का कम होना) के इलाज में कारगर हो सकताहै।
शोधकर्ता के मुताबिक- आमतौर पर धारणा है कि मृत्यु के बाद खून की सप्लाई रुकने से दिमाग भी मृत होने लगता है। उनका दावा है कि ऐसा रिसर्च के दौरान नहीं दिखाई दिया। हालांकि, जानवर की मौत के चार घंटे बाद उसके दिमाग पर की गई रिसर्च से पता चला कि उसके दिमाग में चेतना नहीं थी।
जानवर के दिमाग को येल यूनिवर्सिटी में एक सिस्टम से संबद्ध किया गया। उसके दिमाग को छह घंटे तक स्वास्थ्यवर्धक दवाएं दी गईं। रिसर्च के दौरान दिमाग में हलचल दिखाई दी। इस दौरान दिमाग के बीच के संपर्क काम कर रहे थे।
जानवरों की मौत के 10 घंटे बाद भी उनका दिमाग कुछ हद तक काम कर रहा था। इस दौरान दिमाग की कोशिकाएं ऑक्सीजन का इस्तेमाल वैसे ही कर रही थीं, जैसे जिंदा जानवर का दिमाग करता है। जो दवा दी गई, उसका भी रिस्पॉन्सदेखने को मिला।
हालांकि, इस दौरान ईईजी ब्रेन स्कैन मशीन पर कोई इलेक्ट्रिकल एक्टिविटी देखने को नहीं मिली। यानी मृत जानवरों के जिन दिमागों पर प्रयोग किया जा रहा था, वास्तव में वो मृत ही थे। ज्यादातर लोग सोचते हैं कि ऑक्सीजन सप्लाई रुकने पर दिमाग तुरंत मृत होने लगता है, लेकिन वास्तव में ऐसा नहीं होता।
येल यूनिवर्सिटी में न्यूरोसाइंस के प्रोफेसर नेनाद सेस्टन का कहना है कि दिमाग की कोशिकाओं को मृत अवस्था तक पहुंचने में अपेक्षाकृत ज्यादा समय लगता है। उनका कहना है कि कोशिकाओं की मौत धीमेऔर चरणबद्ध तरीके से होती है। इनमें से कुछ प्रक्रियाएं या तो स्थगित की जा सकती हैं याउन्हें रोका भी जा सकता है।
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Source: bhaskar international story