विवाद: हिजाब पहनने पर पैरा एशियन गेम्स में विवाद, मुस्लिम खिलाड़ी को किया गया डिस्क्वालीफाई
खेल डेस्क/जकार्ता: इंडोनेशिया की जूडो खिलाड़ी मिफ्ताहुल जन्ना को पैरा एशियन गेम्स में महिलाओं की 52 किग्रा विजुअल इम्पेर्मेंट (दृष्टि दोष) कैटेगरी में भाग लेने से रोक दिया गया। उन्होंने मुकाबले के दौरान हिजाब उतारने से मना कर दिया था। 21 साल की इस मुस्लिम खिलाड़ी को इंटरनेशनल जूडो फेडरेशन (आईजेएफ) के नियमों का उल्लंघन करने के कारण प्रतियोगिता में भाग लेने के अयोग्य ठहराया गया है। आईजेएफ के नियमों के मुताबिक, मुकाबले के दौरान चिकित्सा के लिए बैडेंज (पट्टी) बांधने को छोड़कर कोई भी जूडो खिलाड़ी अपने सिर को किसी भी कपड़े से ढक नहीं सकता है।
मिफ्ताहुल को नहीं खेलने देने के फैसले की हो रही आलोचना
अयोग्य ठहराए जाने के बाद मिफ्ताहुल रोते हुए प्रतियोगिता स्थल से बाहर निकलीं। इस घटना की काफी आलोचना हो रही है। मिफ्ताहुल के प्रशंसक इसे उनके साथ भेदभाव मान रहे हैं। मिफ्ताहुल के हिजाब नहीं उतारने के फैसले की सोशल मीडिया पर प्रशंसा हो रही है। वहीं, इंडोनेशियन नेशनल पैरालिंपिक कमेटी (एनपीसी) सेनी मार्बुन ने इस विवाद के लिए लापरवाही को दोषी ठहराया। उन्होंने कहा कि टीम के कोच नियमों को लेकर अनजान थे, क्योंकि अंग्रेजी अच्छी नहीं थी। उन्होंने कहा- 'एनपीसी की ओर से मैं इस सबके लिए माफी चाहता हूं। यह वास्तव में शर्मनाक है। मुझे उम्मीद है कि भविष्य में ऐसा फिर कभी नहीं होगा।'
पीड़िता को मिला दिलचस्प इनाम
यह घटना इंडोनेशियाई मीडिया में सुर्खियों में रही। देश के हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स (डीपीआर) ने इसका संज्ञान लिया। डीपीआर के सदस्यों ने मिफ्ताहुल को मक्का में उमरा दौरे करने का इनाम दिया है। इस पुरस्कार पर मिफ्ताहुल ने कहा, 'मैं इसकी सराहाना करती हूं। मैं उन्हें धन्यवाद देना चाहती हूं, जिन्होंने मुझे उमरा का टिकट दिया। मैं उत्साहित हूं। यह मेरे लिए स्वर्ण पदक जीतने जैसा है, क्योंकि मैं कल के मुकाबले में भाग लेने से वंचित रह गई थी।'
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Source: bhaskar international story