सऊदी अरब में महिलाएं शादी से पहले कर रहीं करार, पति गाड़ी चलाने और नौकरी की आजादी दे
रियाद .इस्लामिक देश सऊदी अरब में महिलाएं अब अपनी शर्ताें पर शादी करने लगी हैं। शादी के बाद ड्राइविंग, पढ़ाई-लिखाई, नाैकरी अाैर घूमने-फिरने की अाजादी के लिए अब वे बाकायदा पति के साथ काॅन्ट्रैक्ट कर रही हैं। वे एेसा इसलिए कर रही हैं, ताकि शादी के बाद किसी भी तरह के विवाद से बचा जा सके। यहां दशकों तक पाबंदी के बाद महिलाओं को पिछले साल ही ड्राइविंग का अधिकार मिला था। पाबंदी हटने के बाद बड़ी संख्या मेंमहिलाओं ने ड्राइविंग लाइसेंस के लिए अर्जियां दी थीं। सड़कों पर वाहन चलाने वाली महिलाओं की संख्या भी बढ़ रही है।
महिलाएं सिर्फ सामान्य ड्राइविंग ही नहीं कर रहीं, बल्कि उनमें रफ्तार और स्टंट का जुनून भी देखने को मिल रहा है। सेल्समैन का काम करने वाले मज्द का कहना है कि वह शादी की तैयारी में जुटा था, तभी उसकी मंगेतर ने अनोखी शर्त रख दी। युवती की मांग थी कि मज्द शादी के बाद उसे ड्राइविंग और नौकरी करने की अनुमति देगा।
शादी के बाद मज्द उसकी मांग नजरअंदाज न कर सके, इसके लिए उसने बाकायदा मैरिज काॅन्ट्रैक्ट भी साइन करवाया है। एक अन्य युवती ने मंगेतर से करार किया था कि वह कभी दूसरा विवाह नहीं करेगा। इस मामले में मौलवी अब्दुलमोहसेन अल-अजेमी का कहना है कि कुछ युवतियां ड्राइविंग की मांग को लेकर काॅन्ट्रैक्ट कर रही हैं। करार होने से पति और ससुराल के लोग पाबंद हो जाते हैं कि वे उसकी बात दरकिनार नहीं करेंगे। अगर शादी के बाद वह अपनी बात से पीछे हटते हैं, तो महिला इसे आधार बनाकर पति से तलाक भी ले सकती है। दरअसल, इस्लामिक देशों में अक्सर शादी के बाद महिला की आवाज दबाने के मामले सामने आते रहते हैं। इस वजह से मनमुताबिक करार करने का चलन बढ़ रहा है।
अरब में खुद को धार्मिक नहीं मानने वाले बढ़ रहे :इधर, अरब में यह मानने वालों की संख्या तेजी के साथ बढ़ी है कि वे धार्मिक नहीं हैं। मध्य पूर्व और उत्तरी अफ्रीका के 10 देशों के 25 हजार लोगों के बीच किए गए सर्वे के अनुसार धार्मिक नहीं हैं, कहने वालों की संख्या 8% से बढ़कर 13% हो गई है। पिछले 30 सालों में यहां धार्मिक नहीं की पहचान बताने वालों की संख्या में 18% बढ़ोतरी हुई है।
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Source: bhaskar international story