स्पोर्ट्स हिजाब लॉन्च करना चाहती थी कंपनी, सत्ताधारी दल और विपक्ष के विरोध पर बदला फैसला
पेरिस. फ्रांस में स्पोर्ट्सवियर बनाने वाली कंपनी डेकाथलॉन ने मुस्लिम महिलाओं के लिए स्पोर्ट्स हिजाब बनाने की योजना वापस ले ली है। इसका फ्रांस की सत्ताधारी पार्टी समेत कई राजनेताओं ने विरोध किया था। राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की पार्टी ला रिपब्लिक एन मार्क ने कहा था कि अगर कंपनी ने स्पोर्ट्स हेडस्कार्फ बनाने का फैसला वापस नहीं लिया तो उसके उत्पादों का बहिष्कार किया जाएगा।
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फ्रांस की हेल्थ मिनिस्टर एग्नेस बूजिन ने कहा था कि हिजाब से महिला का व्यक्तित्व दब जाता है। ऐसी कोई भी चीज जो अंतर पैदा करती है, उससे मुझे परेशानी है। मैं कंपनी से अपील करती हूं कि हिजाब को प्रमोट न करें।
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कुछ साल पहले भी बूजिन की पहल से काफी विवाद हुआ था। फ्रांस में तीन साल पहले रूढ़िवादी मुस्लिम महिलाओं के लिए बुर्किनी स्विमसूट लॉन्च हुआ था। मुस्लिम महिलाएं इसके समर्थन में थीं। कई फ्रेंच रिजॉर्ट्स ने बुर्किनी पर पाबंदी लगा दी। फ्रांस की सर्वोच्च अदालत ने इस बैन को अवैध करार दे दिया।
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मैक्रों की पार्टी की सांसद ऑरोर बर्गे के मुताबिक- वह स्पोर्ट्स हिजाब का इसलिए विरोध कर रही हैं क्योंकि कंपनी ने फ्रांस के मूल्यों का सम्मान करना नहीं आता। एक महिला और एक नागरिक होने के नाते उस ब्रांड पर भरोसा नहीं कर सकती जो हमारे मूल्यों को तोड़ता हो।
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हालांकि डेकाथलॉन ने स्पोर्ट्स हिजाब का बचाव करते हुए कहा था कि अगर मुस्लिम महिलाएं इसे पहनेंगी तो इससे उनकी सहनशीलता और विभिन्नता के मूल्यों का प्रचार होगा। बाद में डेकाथलॉन ने कहा कि हमें हिजाब को खिलाफ एक जबर्दस्त लहर है, हमें धमकियां भी मिल रही हैं। हमारे स्टाफ को अपमानित किया जा रहा है। लिहाजा इसे बाजार में नहीं उतारा जाएगा।
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दो विदेशी कंपनियां नाइके और यूनीकलो भी फ्रांस में स्पोर्ट्स हिजाब बेच रही हैं। डेकाथलॉन को विरोध का सामना इसलिए करना पड़ा क्योंकि वह फ्रांस की ही कंपनी है और इसका मुख्यालय भी वहीं है।
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फ्रांस ने पूरे चेहरे को ढंकने वाले हिजाब पर 2010 पर प्रतिबंध लगाया था। 2004 से सरकारी स्कूलों में लड़कियों के इस्लामिक हिजाब पहनने पर प्रतिबंध है। सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों में काम करने वाली महिलाओं को भी हिजाब पहनने की अनुमति नहीं है। फ्रांस के नेताओं का कहना है कि हिजाब पर बैन लगाना एक धर्मनिरपेक्ष परंपरा है। राज्य और धर्म को अलग-अलग रखा गया है।
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Source: bhaskar international story