हफ्ते में 2 दिन छुट्टी लेते हैं पीएम; 1 दिन मरीजों का इलाज करते हैं, 1 दिन परिवार के लिए
थिंपू. भूटान दुनिया का पहला ऐसा देश है जहां खुशी (हैप्पीनेस) को सरकार के लक्ष्य के तौर पर संविधान में शामिल किया गया है। इसके पीछे भूटान के नागरिकों का तनावमुक्त और अहम चीजों को प्राथमिकता देने का रवैया एक मुख्य वजह माना जाता है। आम लोग ही नहीं, बल्कि भूटान के प्रधानमंत्री लोते शेरिंग भी इस बात का ख्याल रखते हैं। इसलिए वे ‘फाइवडे अ वीक’का फॉर्मूला अपनाते हैं। दो दिन छुट्टी लेकर ऐसे काम करते हैं जिससे उन्हें आत्मिक शांति मिले।
छुट्टी केएक दिन वे अपने डॉक्टरी पेशे को देतेहैं। मरीजों का इलाज और सर्जरी करते हैं।गुरुवार को भी वह कुछ समय निकालकर मरीजों और ट्रेनी डॉक्टर-नर्सों को सलाह देते हैं। शेरिंग के मुताबिक, कुछ लोगों को छुट्टी में गोल्फ खेलना पसंद है, कुछ लोग तीरंदाजी में समय देते हैं,लेकिन मेरे लिए यह काम तनाव कम करने वाला है। मैं मरते दम तक यही काम करना चाहूंगा।
रविवार परिवार के लिए
इतना ही नहीं रविवार का दिन शेरिंग ने अपने परिवार के लिए तय किया है। वे मानते हैं कि जीवन में संतुलन बनाए रखने के लिएये दो दिन अहम हैं। शेरिंग कहते हैं कि पांच दिन वे सरकार में बैठकर नीतियों की सेहत पर नजर रखते हैं, वहीं छुट्टी वाले दिन वे अस्पताल में वे मरीजों का इलाज करते हैं।
खुशी से मापा जाता है भूटान का विकास
शेरिंग 11 साल पहले भूटान के प्रधानमंत्री चुने गए थे। उनके शासन में आने के बाद से ही देश ने कई चीजों में तरक्की हासिल की है। इसमें लोगों की खुशियां बढ़ाना और इसको मापने के लिए एक इंडेक्स बनाना भी शामिल है। भूटान अपना विकास आर्थिक नहीं, खुशी से मापता है। भूटान के कानून के मुताबिक, देश का 60% हिस्सा हर हालत में जंगल से ढका होना चाहिए। इसके अलावा देश में तंबाकू की सेल भी बैन है। हालांकि, भ्रष्टाचार और बेरोजगारी भूटान की बढ़ती समस्याओं में शामिल है।
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Source: bhaskar international story