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हमशक्ल के अपराध के कारण 17 साल जेल में रहा बेगुनाह, 8 करोड़ रुपए मुआवजा मिलेगा - Update Every Time
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हमशक्ल के अपराध के कारण 17 साल जेल में रहा बेगुनाह, 8 करोड़ रुपए मुआवजा मिलेगा



कंसास. यहां एक निर्दोष व्यक्ति रिचर्ड एंथनी जोंस को अपने हमशक्ल अपराधी के जुर्म के चलते 17 साल जेल में बिताने पड़े। हालांकि अब असल क्रिमिनल रिकी ली अमोस ने जुर्म कबूल लिया है। कोर्ट ने जोंस के निर्दोष होने का सर्टिफिकेट जारी कर दिया है। उसे मुआवजे में 1.1 मिलियन डॉलर (करीब 7.71 करोड़ रुपए) मिलेंगे।

  1. कंसास के अटॉर्नी जनरल डेरेक श्मिट ने कहा- हमसे असल अपराधी को पकड़ने में गलती हुई। लेकिन अब सही क्रिमिनल ने अपराध कबूल लिया है। जितना जल्दी हो सके, हम मामले को निपटाने की कोशिश कर रहे हैं। निर्दोष जोंस को वो सारे फायदे मिलेंगे जिसके वे हकदार हैं।

  2. जोंस ने खुद के निर्दोष साबित होने पर पिछले साल 1.1 मिलियन डॉलर के मुआवजे की अपील की थी। श्मिट के मुताबिक- यह पहला मामला है कि जिसमें गलती से पकड़े गए निर्दोष ने कोई केस दायर किया था।

  3. दरअसल, 1999 में एक व्यक्ति ने रोलैंड पार्क स्थित वॉलमार्ट की पार्किंग से एक महिला का पर्स छीनने की कोशिश की। महिला से उसकी झड़प हो गई। पर्स तो बच गया लेकिनचोर ने महिला का सेलफोन चुरा लिया।

  4. चश्मदीदों ने पुलिस को बताया कि अपराधी हिस्पैनिक (मैक्सिकन) या अफ्रीकन-अमेरिकन हो सकता है। लोगों ने उसका नाम रिकी बताया। एक चश्मदीद ने लुटेरे की कार पर लिखा लाइसेंस नंबर पुलिस को बताया।

  5. तफतीश शुरू हुई तो एक ड्राइवर नेजोंस को रिकी के रूप में पहचाना। जबकि सच यह था कि लूट की कोशिश के दौरान जोंस अपनी गर्लफ्रेंड की जन्मदिन पार्टी में थे। इसके दूसरे दिन जोंस और उनकी गर्लफ्रेंड ने साथ में फिल्में देखीं। जांच के दौरान जोंस का क्रिमिनल रिकॉर्ड पाया गया, लिहाजा जज ने उन्हें 19 साल की सजा सुना दी।

  6. जोंस की अपील भी खारिज हुई। इसके बाद जोंस ने कंसास यूनिवर्सिटी के प्रोजेक्ट ऑफ इनोसेंस में अप्लाई किया। इस प्रोजेक्ट के जरिए लोगों को इंसाफ दिलाया जाता है। प्रोजेक्ट टीम ने असल अपराधी और जोंस के हमशक्ल रिकी ली अमोस को खोज निकाला।

  7. टीम ने रिकी और उससे जुड़े दस्तावेज कोर्ट में पेश किए। जिन लोगों ने जोंस के खिलाफ गवाही दी थी, उनसे दोबारा पूछताछ की गई। उन्होंने भी कहा कि वे पक्कानहीं कह सकते कि लूट में जोंस ही शामिलथा। इसके बाद जज ने जून 2017 में जोंस की रिहाई का आदेश दे दिया।

  8. कोर्ट ने बीते हफ्ते मुआवजे की रकम दिए जाने के आदेश के अलावा जोंस को पूरी तरह निर्दोष साबित होने का सर्टिफिकेट भी जारी किया। कोर्ट ने जोंस के सारे बायोलॉजिकल सैंपल खत्म करने का भी आदेश दिया ताकि आगे कोई गलती की गुंजाइश न रहे।

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      गलती की वजह से रिचर्ड एंथनी जोंस (दाएं) को 17 साल जेल में बिताने पड़े। जबकि असली अपराधी रिकी ली अमोस (बाएं) था।

      Source: bhaskar international story