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12 साल पहले न्यूयॉर्क में जन्मा, अब भारत के पांच छोटे शहर इसे दुनिया में सबसे ज्यादा कर रहे सर्च - Update Every Time
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12 साल पहले न्यूयॉर्क में जन्मा, अब भारत के पांच छोटे शहर इसे दुनिया में सबसे ज्यादा कर रहे सर्च



इंटरनेशनल डेस्क. ‘मीटू’ यह शब्द अब एक अभियान है। इसके तहत दुनियाभर की महिलाएं अपने साथ हुई यौन प्रताड़ना का खुलासा सोशल मीडिया पर कर रही हैं। प्यू रिसर्च सेंटर के मुताबिक सितंबर के अंत तक 1.9 करोड़ बार मीटू को ट्विटर पर (अंग्रेजी में) इस्तेमाल किया जा चुका है। यानी हर दिन औसतन 55 हजार 319 ट्वीट्स मीटू से जुड़े हो रहे हैं।

इस तरह ट्रेंड हो रहा है कि नक्शे पर अलग दिख रहा भारत:गूगल ने दुनियाभर में मीटू शब्द की खोज का ट्रेंड दिखाने वाली एक अलग वेबसाइट metoorising.withgoogle.com बना रखी है। 10 जनवरी 2017 को जब यह शुरू हुई थी, तब न्यू मैक्सिको के अलबुकर्क, फिलीपींस के सीबू सिटी, पेन्सिलवेनिया के पिट्सबर्ग, इंग्लैंड के लीड्स तथा अमेरिका के ओकलाहोमा के लोग इस शब्द को ज्यादा सर्च कर रहे थे। 8 अक्टूबर से भारतीय शहर इस सूची में लगातार शामिल हैं। ताजा सूची में तो पांचों शहर भारत के हैं।

स्थानशहरराज्य
1.भंवरेलीछत्तीसगढ़ की चांपा तहसील में एक छोटा सा गांव
2.रुद्रपुरउत्तराखंड में उधमसिंह नगर जिले का शहर
3.बोकारोस्टील सिटी के तौर पर मशहूर झारखंड का औद्योगिक शहर
4.ब्रह्मपुरओडिशा के गंजम जिले का तटीय शहर है यह
5.डोम्बिवलीमहाराष्ट्र में ठाणे जिले का शहर भी इनमें शामिल है।

*(शनिवार का सर्चिंग ट्रेंड)

इन 3 महिलाओं की वजह से चर्चा में अभियान:

1. तराना बुर्क, सामाजिक कार्यकर्ता- 12 साल पहले किया था यह शब्द इस्तेमाल:मीटू शब्द दुनिया को देने वाली महिला अमेरिका की तराना बुर्क हैं। पेशे से सामाजिक कार्यकर्ता बुर्क ने 2006 में न्यूयॉर्क में एक पीड़ित लड़की से बात करते हुए कहा था ‘तुम अकेली नहीं हो। यह मेरे साथ भी हुआ है।’ इसके लिए उन्होंने मीटू शब्द इस्तेमाल किए। बाद में सोशल नेटवर्किंग साइट ‘मायस्पेस’ पर इन शब्दों का इस्तेमाल किया।

2. एलिसा मिलानो, हॉलीवुड अभिनेत्री- 1 साल पहले कैम्पेन का रूप इन्होंने दिया:एक साल पहले 15 अक्टूबर 2017 को ये शब्द विश्वभर में चर्चा का विषय बना। कारण हॉलीवुड अभिनेत्री एलिसा मिलानो का ट्वीट था। उन्होंने लिखा था कि अगर आप किसी यौन शोषण की शिकार हुई हैं तो मेरे ट्वीट के जवाब में मीटू लिखिए। अगला दिन शुरू होने तक मीटू हैशटैग के साथ 5 लाख से ज्यादा ट्वीट किए जा चुके थे।

3. तनुश्री दत्ता, अभिनेत्री- इनके खुलासे से भारत में चर्चा में आया:
भारतीयों के बीच मीटू ने तनुश्री दत्ता के आरोपों के बाद अभियान का रूप लिया है। हालांकि उन्होंने इसके लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल नहीं किया। उन्होंने एक टीवी इंटरव्यू के दौरान कहा- 2009 में फिल्म ‘हॉर्न ओके प्लीज’ के सेट पर नाना पाटेकर ने उनका यौन शोषण किया। 6 अक्टूबर को ओशिवारा पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज करवाई।

अभी चर्चा में इसलिए है – बॉलीवुड से लेकर स्टार्टअप्स तक में सामने आ रहे हैं यौन प्रताड़ना के मामले

बॉलीवुड:
– आलोक नाथ का मामला नाना पाटेकर के बाद बॉलीवुड में सबसे चर्चित रहा है। प्रोड्यूसर विंता नंदा ने उन पर 19 साल पुराने मामले में यौन दुराचार का आरोप लगाया है। इसके बाद अभिनेत्री संध्या मृदुल, अमायरा दस्तूर, गायिका सोना महापात्रा, नवनीत निशान एेसे आरोपों के साथ सामने आईं।
– निर्देशकों में साजिद खान, रजत कपूर, सुभाष घई, विकास बहल, विवेक अग्निहोत्री पर आरोप लगे हैं।
– सेलेब कंसल्टेंट सुहेल सेठ पर फिल्म निर्माता नताशा राठौड़ सहित चार महिलाओं ने आरोप लगाए हैं।
– सिंगर अनु मलिक, कैलाश खेर, अभिजीत भट्टाचार्य, रघु दीक्षित भी आरोपों के घेरे में हैं।
– इनके अलावा अभिनेता पीयूष मिश्रा, प्रोड्यूसर गौरांग दोषी, मॉडल जुल्फी सैयद, एक्शन डायरेक्टर शाम कौशल पर भी एेसे आरोप लगे हैं।

मीडिया:
– कई मीडिया समूहों में बड़े पद पर रहने के बाद विदेश राज्यमंत्री बने एमजे अकबर पर कई महिलाओं ने आरोप लगाए हैं। इनमें पहली पत्रकार प्रिया रमानी रहीं, जिन्होंने 90 के दशक की एक घटना का जिक्र किया है। अब 20 महिला पत्रकार रमानी के समर्थन में उतर आई हैं। इनमें से कई ने खुद अकबर से जुड़े अपने अनुभव सोशल मीडिया या अन्य माध्यमों के जरिए साझा किए हैं। हालांकि अकबर ने रमानी के खिलाफ दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में मानहानि का मुकदमा दायर किया है। मगर बुधवार को उन्हें मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ गया।
– पत्रकार विनोद दुआ पर फिल्म निर्माता निष्ठा जैन ने आरोप लगाए हैं। निष्ठा के अनुसार यह घटना 1989 की है।
– इसके अलावा पत्रकार सी. गौरीदासन नायर, गौतम अधिकारी, फहद शाह, केआर श्रीनिवास, मयंक जैन, प्रशांत झा व सताद्रू ओझा पर भी एेसे आरोप हैं।

राजनीति:
– एनएसयूआई के अध्यक्ष रहे फिरोज खान पर तीन माह पहले यौन शोषण के आरोप लगे थे। मीटू कैम्पेन के तेज होने के बाद मामला सोशल मीडिया पर फिर उछला। जम्मू-कश्मीर में जन्मे और दिल्ली में रह रहे फिरोज को पद से इस्तीफा देना पड़ा है।
– केरल में सीपीआई-एम के विधायक एम मुकेश पर आरोप लगे हैं।

खेल:
– बीसीसीआई के सीईओ राहुल जौहरी पर एक गुमनाम महिला ने अभद्रता का आरोप लगाया है। इस गुमनाम महिला का संदेश लेखिका हरनीध कौर ने ट्विटर पर पोस्ट किया था।
– बेडमिंटन खिलाड़ी ज्वाला गुट्टा ने भी शोषण होने की बात कही है।
– श्रीलंका के क्रिकेट खिलाड़ी लसिथ मलिंगा और अर्जुन राणातुंगा पर भी भारतीय महिलाओं ने आरोप लगाए हैं।

कला एवं साहित्य:
– लेखक चेतन भगत पर लेखिका इरा त्रिवेदी ने यौन प्रताड़ना और एक अन्य महिला ने उन पर अभद्र मैसेज भेजने के आरोप लगाए हैं। इरा के आरोप पर चेतन नेे 2013 के एक ई-मेल का स्क्रीनशॉट शेयर किया, जिसमें इरा ने मिस यू, किस यू लिखा था। चेतन ने कहा कि इससे साफ होता है कि 2010 की घटना में जबरन किस की बात झूठ है।
– लेखक सचिन व किरण नागरकर पर भी आरोप लगे हैं। वहीं पेंटर जतिन दास पर आंत्रप्रेन्योर निशा बोरा तथा लेखिका गरुशा कटोच ने एेसे आरोप लगाए हैं।

स्टार्टअप्स:
– इंटरनेट मीडिया कंपनी स्कूपव्हूप के संस्थापक सुपर्ण पांडे पर भी यौन प्रताड़ना के आरोप लगे हैं। स्टार्टअप टीवीएफ के अरुणभ पर भी आरोप हैं और अरुणभ को सीईओ पद से इस्तीफा देना पड़ा है।

कॉमेडी व यू-ट्यूब:
– कॉमेडियन उत्सव चक्रवर्ती पर एक महिला ने आपत्तिजनक तस्वीरें भेजने का आरोप लगाया है।
– कॉमेडियन करण गिल पर नशे में महिलाओं के एक समूह से गलत व्यवहार का आरोप लगा है।
– यूट्यूब चैनल एआईबी के गुरसिमरन खंबा पर एक युवती ने जबरदस्ती किस का आरोप लगाया है।
– महिला कॉमेडियन अदिति मित्तल पर एक युवती ने ही गलत व्यवहार के आरोप लगाए हैं।

इन्वेस्टमेंट कंपनी:
– एंजल इन्वेस्टर कंपनी के महेश मूर्ति पर चार महिलाओं ने यौन शोषण के आरोप लगाए हैं। महेश ने सोशल मीडिया पर सफाई दी, लेकिन मामला महिला आयोग जा पहुंचा। अब मूर्ति के देश से बाहर जाने पर रोक लग चुकी है।

आगे ये होगा:
कार्रवाई नहीं, क्योंकि रिपोर्ट नहीं हुई-
जब तक महिला यौन शोषण की शिकायत पुलिस को नहीं करती, कार्रवाई नहीं हो सकती। इसलिए कि पुलिस व अदालत एेसे मामले में खुद संज्ञान नहीं ले सकती। इधर, देश में मीटू कैम्पेन में सामने आए 91% मामलों में शिकायत पुलिस के पास नहीं पहुंची है। अधिकांश मामले पुराने हैं, इसलिए शिकायत दर्ज हो जाने पर इन्हें साबित करना भी आसान नहीं होगा। क्योंकि जरूरी सबूत जुटा पाना बेहद मुश्किल होगा। मेडिकल जांच से सबूत नहींं जुट सकेंगे। जिन मामलों में शिकायत में देरी हो गई है, वे पूरी तरह से परिस्थितिजन्य सबूतों यानी जिनसे तर्क के आधार पर घटना को जोड़ा जा सके, पर निर्भर होते हैं। ज्यादा पुराने मामलों में ये सबूत आसानी से जुट नहीं पाते, जबकि मीटू में सामने आए कई मामले वर्षों पुराने हैं। वैसे इन सबसे पहले तो आरोप लगाने वाली महिला को एफआईआर में देरी के (हर एक दिन के) तर्कसंगत और वाजिब कारण बताने होंगे, जो मुश्किल है।
जिनमें मानहानि का दावा हुआ है, उनमें क्या होगा?
एमजे अकबर व आलोक नाथ ने मानहानि का मुकदमा दायर किया है। उन पर आरोप लगाने वाली महिला को कोर्ट में एफआईआर न करने या एफआईआर में देरी की वजह बतानी होगी।

असर:
जागरुकता बढ़ी, लेकिन डर भी बढ़ा-
एक्सपर्ट्स के अनुसार राजनीति या काॅर्पोरेट जगत में बड़े पदों पर बैठे लोगों के खिलाफ बोलने का कोई साहस नहीं करता था। खासकर महिलाएं। अब सोशल मीिडया ने उन्हें हिम्मत दी है। मीटू कैम्पेन से शोषण की प्रवृत्ति रखने वाले पुरुष डरेंगे कि मामला खुल सकता है। कैम्पेन से महिलाअों को कानून की जानकारी भी हो रही है।
फायदाः महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने एक कमेटी बनाने की बात कही है, जो सोशल मीडिया पर लगाए गए इन आरोपों की जांच करेगी। सिने एंड टीवी आर्टिस्ट एसोसिएशन ने भी यौन उत्पीड़न की शिकार महिलाओं की शिकायत सुनने के लिए एक कमेटी बनाई है। मुंबई पुलिस कुछ मामलों में ट्वीट कर शिकायत कराने का अनुरोध कर रही है, ताकि कार्रवाई हो सके।
नुकसानः कैम्पेन की अच्छाइयों के साथ इसके दुरुपयोग का डर भी बना हुआ है। जानकार कहते हैं कि कई मामलों में यह दहेज प्रताड़ना कानून जैसा भी साबित होगा। राजनीतिक द्वेष, प्रतिद्वंद्विता या किसी फायदे के लिए भी पुरुषों के खिलाफ इसका इस्तेमाल किया जा सकता है। हाल ही में एेसी रिपोर्ट्स भी आई हैं कि भविष्य में संस्थान महिलाओं को नौकरी देने में डरेंगे।

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Source: bhaskar international story