Deprecated: Creation of dynamic property InsertPostAds::$plugin is deprecated in /home/u782805645/domains/updateeverytime.com/public_html/wp-content/plugins/insert-post-ads/insert-post-ads.php on line 38
400 में से 1 ग्लेशियर पिघलने पर तख्ती लगाई- हम इन्हें बचा पाए, तभी इनके बारे में जान पाएंगे - Update Every Time
Deprecated: Creation of dynamic property InsertPostAds::$settings is deprecated in /home/u782805645/domains/updateeverytime.com/public_html/wp-content/plugins/insert-post-ads/insert-post-ads.php on line 427
Uncategorized

400 में से 1 ग्लेशियर पिघलने पर तख्ती लगाई- हम इन्हें बचा पाए, तभी इनके बारे में जान पाएंगे



रेक्याविक. धरती के लगातार बढ़ते तापमान को लेकर कई वैज्ञानिकों और संगठन अपने-अपने तरीके से चिंता जता रहे हैं। दुनियाभर में इसके लिए कैम्पेन चलाए जा रहे हैं। आर्कटिक वृत्त (सर्किल) में आने वाले आइसलैंड भी धरती के गर्म होने को लेकर चिंतित है। भविष्य की पीढ़ियों को ग्लोबल वॉर्मिंग के खतरे बताने के लिए सरकार ने बाकायदा एक तख्ती बनवाई है। इसमें लिखा है- अगर हम ग्लेशियर बचा पाए, तभी आप (लोग) इन्हें जान पाएंगे।

  1. स्थानीय मीडिया के मुताबिक- तख्ती का औपचारिक रूप से उद्घाटन 18 अगस्त को किया जाएगा। टेक्सास के ह्यूस्टन स्थित राइस यूनिवर्सिटी में आइलैंडिंक भाषा के लेखक आंद्री स्नीयर मैगनासन और जियोलॉजिस्ट ओडुर सिगुरोसन इसमें शामिल होंगे।

  2. देश में 400 ग्लेशियर हैं, जिनमें से एक ओकजोकुल का दर्जा खोने वाला है। 100 साल पहले ओकजोकुल का क्षेत्रफल 15 वर्गकिमी हुआ करता था और इसकी मोटाई 50 मीटर थी। अब यह सिकुड़कर 1 वर्गकिमी का रह गया है। इस पर बर्फ भी महज 15 मीटर मोटी ही है।

  3. तख्ती पर अंग्रेजी और आइसलैंडिंक भाषा में संदेश लिखा हुआ है। इसके मुताबिक- अगले 200 सालों में हमारे सभी ग्लेशियर इसी रास्ते (खत्म होने के) पर रहेंगे। यह स्मारक हमें याद दिलाता रहेगा कि क्या हो रहा है और किस बात की जरूरत है। अगर हम कुछ बेहतर कर पाए तभी आप यह सब जान पाएंगे।

  4. मेमोरियल पर कार्बनडाइऑक्साइड का स्तर भी लिखा
    स्मारक पर अगस्त 2019 तो लिखा ही है। साथ ही कार्बनडाइऑक्साइड का स्तर 415पीपीएम (पार्ट्स पर मिलियन) भी लिखा है। आइसलैंड में कार्बनडाइऑक्साइड का रिकॉर्ड स्तर मई में पहुंच गया था।

  5. राइस यूनिवर्सिटी में मानव विज्ञान की एसोसिएट प्रोफेसर साइमीन होव कहती हैं- दुनिया में शायद यह पहला मेमोरियल होगा, जिसमें जलवायु परिवर्तन के चलते ग्लेशियर पिघलने का जिक्र होगा। ये ग्लेशियर दुनिया में ताजे पानी के सबसे बड़े स्रोत हैं। मेमोरियल से लोग जरूर यह सोचेंगे कि हम क्या खो रहे हैं। होव अपने सहयोगी डोमिनिक बोयर के साथ मिलकर तापमान बढ़ने के चलते आर्थिक-सांस्कृतिक प्रभावों का अध्ययन कर रही हैं।

  6. उत्तर ध्रुव (आर्कटिक) बीते सालों की तुलना में दोगुनी रफ्तार से गर्म हो रहा है। इस साल जून में यहां रिकॉर्ड तापमान दर्ज किया गया। आइसलैंड की राजधानी रेक्याविक के पूर्व मेयर जोन नार और अमेरिका के दो शोधकर्ताओं ने लुप्त होते ग्लेशियर पर ‘नॉट ओके’ डॉक्यूमेंट्री बनाई थी। इसमें बताया गया था कि जलवायु संकट कैसे आम आदमी को प्रभावित करता है।

    1. Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today


      Icelandic memorial warns people for global warming makes memorial plaque

      Source: bhaskar international story