5जी लॉन्चिंग से पहले ही रूस ने डर फैलाया, तकनीक को मानवता के लिए खतरा बताया
वॉशिंगटन. 5जी की तेज स्पीड और वायरलेस कनेक्टिविटी जैसी खासियतों की वजह से आने वाले समय में यूजर्स का नियंत्रण सिर्फ कुछ इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसों तक ही सीमित नहीं होगा। कार, फैक्ट्रियां और शहर भी इस तकनीक के जरिए डिजिटाइजेशन की तरफ बढ़ जाएंगे। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, जो भी देश इसके प्रयोग में आगे रहेंगे, उन्हें इस सदी में बाकी देशों के मुकाबले प्रतिस्पर्धा में बढ़त मिल जाएगी। हालांकि, रूस की एक वेबसाइट अमेरिका के नागरिकों के बीच 5जी के खतरनाक प्रभाव बताकर इसे मानवता के लिए खतरा करार दे रही है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, रशियन टाइम्स चैनल ने अमेरिका में 5जी की लॉन्चिंग से पहले ही इसे मानवता पर खतरनाक प्रयोग करार दे दिया है। चैनल ने कई एक्सपर्ट्स के हवाले से दावा किया कि 5जी राष्ट्र की सुरक्षा और स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक है। चैनल का कहना है कि 5जी के रेडिएशन की वजह से दिमाग का कैंसर, बांझपन, ऑटिज्म और अल्जाइमर जैसी बीमारियां हो सकती हैं। लेकिन इसे सिद्ध करने के लिए कोई भी वैज्ञानिक तर्क नहीं पेश किया गया।
अमेरिका को उलझाना चाहता है रूस: एक्सपर्ट्स
हालांकि, अमेरिकी एक्सपर्ट्स रूसी वेबसाइट के इस दावे को दुर्भावना से भरा तर्क बताते हैं। अमेरिका की न्यू नॉलेज टेक्नोलॉजी फर्म के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर रायन फॉक्स ने तो इसे रूस की तरफ से आर्थिक युद्ध करार दिया है। उनका कहना है कि रूस के पास खुद 5जी तकनीक नहीं है। इसलिए वह अमेरिका के नागरिकों के बीच झूठ फैलाना चाहता है, ताकि लोगों का सरकार और तंत्र से भरोसा उठे और उसे इन बातों से फायदा मिले।
5जी में बढ़त हासिल करने के लिए रूस-चीन साथ
इस साल दक्षिण कोरिया के 5जी लॉन्च करने के साथ अमेरिका समर्थित समूह और रूस-चीन तकनीक रेस में आमने-सामने आ गए हैं। रूस से जारी होने वाली गलत जानकारी को ट्रैक करने वाली कंपनी फियाना स्ट्रैटजी की हेड माॅली मैक्यू के मुताबिक, रूस चाहता है कि लोकतंत्र वाली सरकारें 5जी के फायदे-नुकसानों को लेकर ही आपस में उलझी रहें, ताकि उनका चीन के साथ किया गठबंधन इस तकनीक में आगे निकल सके।
रूस ने तैयारी के तहत ही पिछले साल मई में 5जी की खामियां बताते हुए अपना पहला शो लॉन्च किया था। इस साल उसने नई तकनीक पर गलत जानकारी फैलाने के लिए करीब 7 शो दिखाए हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि अमेरिका में भी कई वेबसाइट्स और ब्लाॅग्स रूस के दावों को चला रही हैं। चैनल के 14 अप्रैल के शो में दिखाया गया है कि कैसे 5जी बच्चों में कैंसर और दिमागी बीमारियां पैदा करता है।
क्यों नुकसानदायक नहीं है 5जी
5जी तकनीक में मोबाइल को मिलने वाले सिग्नल की फ्रीक्वेंसी 4जी के मुकाबले काफी ज्यादा होती है। इसी के चलते बड़ी से बड़ी जानकारी बिना समय खर्च किए दूसरे डिवाइस तक पहुंचती है। इससे रोबोट, ड्रोन और कार को आसानी से ऑपरेट किया जा सकता है। रूसी न्यूज चैनल का दावा है कि हाई-फ्रीक्वेंसी की वजह से नए फोन और सेल टावर आम लोगों के लिए घातक बन जाएंगे। हालांकि, असलियत इसके उलट है। वैज्ञानिकों के मुताबिक, जितनी ज्यादा फ्रीक्वेंसी होगी, उतना ही मुश्किल उसे इंसानी त्वचा को भेदने में होगी। यानी रेडियो फ्रीक्वेंसी शरीर के अंदर मौजूद अंगों तक पहुंच ही नहीं सकेगी। 5जी की यही खासियत इसे पुराने नेटवर्क के मुकाबले बेहतर बनाता है।
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Source: bhaskar international story