Deprecated: Creation of dynamic property InsertPostAds::$plugin is deprecated in /home/u782805645/domains/updateeverytime.com/public_html/wp-content/plugins/insert-post-ads/insert-post-ads.php on line 38
70 की उम्र में काम करने वाले कर्मचारियों की संख्या एक दशक में दोगुनी से ज्यादा हुई - Update Every Time
Deprecated: Creation of dynamic property InsertPostAds::$settings is deprecated in /home/u782805645/domains/updateeverytime.com/public_html/wp-content/plugins/insert-post-ads/insert-post-ads.php on line 427
Uncategorized

70 की उम्र में काम करने वाले कर्मचारियों की संख्या एक दशक में दोगुनी से ज्यादा हुई



लंदन. वहां के एक रिसायक्लिंग प्लांट में काम करने वाले 69 साल के रेमंड इरविंग का कहना है कि मुझे काम करने से कोई चीज नहीं रोक सकती। वे फर्म में सबसे उम्रदराज शख्स हैं, पेंशन ले रहे हैं, फिर भी उनकी ठहरने की कोई योजना नहीं हैं। इरविंग अकेले ऐसे शख्स नहीं हैं, ब्रिटेन में 70 या उसके आसपास की उम्र वाले करीब 5 लाख बुजुर्ग कहीं न कहीं किसी काम से जुड़े हुए हैं।

  1. ब्रिटेन सरकार के आधिकारिक डेटा में दी गई जानकारी के विश्लेषण से पता चलता है कि पिछले एक दशक में इन बुजुर्ग कर्मचारियों की संख्या दो गुना से ज्यादा बढ़ गई है। जॉब सॉइट रेस्ट लेस के मुताबिक 70 साल की उम्र वाले करीब 12 बुजुर्ग में से एक कहीं न कहीं पर कार्यरत है। जबकि एक दशक पहले यह संख्या 22 में से एक हुआ करती थी। संस्था ने 50 से ज्यादा उम्र वाले कर्मचारियों पर रिसर्च करती रहती है।

  2. रेस्ट लेस के फाउंडर स्टुअर्ट लुईस के मुताबिक रिटायरमेंट के बाद काम करने का यह चलन पुरुषों और महिलाओं में समान रूप से है। ब्रिटेन में फिलहाल पुरुष और महिलाओं को सरकारी पेंशन के लिए 65 वर्ष का होना जरूरी है। अक्टूबर 2020 से इसे बढ़ाकर 66 साल करने की योजना है।

  3. सेंटर फॉर एजिंग बैटर के सीनियर प्रोग्राम मैनेजर पैट्रिक थॉमसन के मुताबिक बुजुर्ग कामगारों को मौके देने से संस्थाओं को अनुभवी कर्मचारी ढूंढ़ने के लिए संघर्ष नहीं करना पड़ेगा। वैसे भी ब्रेक्जिट की अनिश्चितता के चलते श्रम और कौशल पर बुरा असर हुआ है। इसलिए जरूरी है कि नियोक्ता फ्लैक्जिबल वर्किंग सिस्टम अपनाना चाहिए। निश्चित रूप से यह कारगर साबित होगा।

  4. चैरिटी संस्था सेंटर फॉर एजिंग बैटर की कैथरीन फुट के मुताबिक नियोक्ताओं को इन बुजुर्ग कामगारों को सहूलियत देनी होगी, अभी तक इसमें ये पूरी तरह सफल नहीं रहे हैं। इन्हें अभी भी भेदभाव का सामना करना पड़ता है। फ्लैक्जिबल वर्किंग टाइम और पार्ट टाइम जैसे मौके देकर इन्हें प्रोत्साहित किया जा सकता है। कैथरीन बताती हैं,’जो अनुभव और कौशल इन बुजुर्ग कामगारों के पास है, वो कोई और ला ही नहीं सकता।

  5. एक्सपर्ट्स का कहना है कि लाइफ एक्सपेक्टेंसी बढ़कर 77 से 90 साल हो गई है,यानी कंपनियों को बुुजुर्ग कर्मचारियों पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है।’ वहीं, इरविंग और उनके साथियों का मानना है कि इस उम्र में काम करके वे अपनी जरूरतें अच्छी तरह पूरी कर सकते हैं, किसी पर निर्भर नहीं रहना पड़ता।

    1. Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today


      सिंबॉलिक इमेज।

      Source: bhaskar international story