9 साल में 580 ई-व्हीलचेयर बांट चुके फिल, लोगों से खराब चेयर भी मांगते हैं
वॉशिंगटन. अमेरिका के कनेक्टिकट स्थित नॉरविच के रहने वाले फिल पवोन लोगों की मदद के लिए घर-घर जाकर टूटी-फूटी व्हीलचेयर जुटाते हैं और उन्हें मोडिफाई कर दिव्यांगों को दान में देते हैं। फिल ने पहली बार 2009 में इलेक्ट्रिक व्हीलचेयर दान की थी। तब से वे लगातारगरीब और जरूरतमंदों को इलेक्ट्रिक व्हीलचेयर देते आ रहे हैं।
फिल नॉरविच में एक कीमती सामान खरीदने वाली दुकान (पॉन शॉप) चलाते हैं। नौसाल में वे अब तक 580 इलेक्ट्रिक व्हीलचेयर दान कर चुके हैं। दिव्यांगों की मदद करने का उनका यह सिलसिला 2009 से शुरू हुआ। फिल ने बताया, “मेरी दुकान में दो इलेक्ट्रिक व्हीलचेयर पड़ी थीं। वे लंबे समय से नहीं बिक रही थीं। छुट्टियों के दौरान मैंने इन्हें दान देने का सोचा। इसके लिए मैंने स्थानीय अखबार में विज्ञापन भी दिया।”
वियतनाम युद्ध में अमेरिकी सेना में सेवा दे चुके फिल के मुताबिक, “विज्ञापन में मैंने जरूरतमंदों से अपनी दिव्यांगता या फिर परेशानी की कहानी बताने के लिए कहा। इस एड पर मुझे 60 पत्र मिले। कुछ लोग अपनी दिव्यांगता से इस कदर परेशान थे कि मुझे अपनी दुकान में रखी इलेक्ट्रिक व्हीलचेयर के अलावा चार और खरीदनी पड़ीं।”
फिल बताते हैं कि पहले साल उन्होंने कुल छह व्हीलचेयर दान कीं। हालांकि, इस घटना का उन पर बड़ा प्रभाव पड़ा। फिल खुद भी 69 साल की उम्र में कैंसर से जूझ रहे थे। ऐसे में दूसरों की परेशानी समझते हुए उन्होंने हमेशा के लिए दिव्यांगों को इलेक्ट्रिक व्हीलचेयर दान करने की ठानी।
अमेरिका में इस वक्त एक नई इलेक्ट्रिक व्हीलचेयर की कीमत हजारों डॉलर में हो सकती है। हालांकि, फिल पुरानी व्हीलचेयरों को सिर्फ एक-चौथाई कीमत पर मोडिफाई करते हैं। फिल का कहना है कि हर साल हजारों लोग ठीक होने के बाद अपनी चेयर को छोड़ देते हैं। उन्हें नहीं पता होता कि उन्हें इसका क्या करना है। लेकिन अमेरिका में अभी ऐसा कोई कार्यक्रम नहीं है, जो जरूरतमंदों को मदद करने वालों से मिला सके।
फिल ऐसा ही एक कार्यक्रम हर राज्य में शुरू करना चाहते हैं। हालांकि, यह काफी मंहगा भी हो सकता है। फिल के मुताबिक, पहले कुछ सालों में उन्हें व्हीलचेयर इकट्ठा करने और उन्हें मोडिफाई करने में छह हजार डॉलर (42 हजार रुपए) तक खर्च करने पड़ते थे। फिल का कहना है कि जैसे-जैसे उनका कार्यक्रम बढ़ा, वैसे इस कार्यक्रम का खर्च 15 हजार डॉलर (करीब 10 लाख रुपए) तक पहुंच गए।
हालांकि, इस कार्यक्रम के लोकप्रिय होने के बाद लोगों ने व्हीलचेयर में लगने वाली बैट्री के लिए पैसे दान करना शुरू कर दिया। इस साल व्हीलचेयरों के लिए फिल को 7 हजार डॉलर (करीब 5 लाख रुपए) मिले।
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Source: bhaskar international story