99 साल की बुजुर्ग को 77 साल बाद मिला मंगेतर के हाथ से लिखा लव लेटर
लंदन. 99 साल की एक बुजुर्ग फाइलिस पोंटिंग को उनके मंगेतर बिल वॉकर का हाथ से लिखा लव लेटर 77 साल बाद मिला है। वॉकर सेना में थे। 1941 में द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान उनका जहाज अटलांटिक महासागर में डूब गया था। पोटिंग भारत में विल्टशायर रेजीमेंट में तैनात थे। फाइलिस ने बिल का शादी का प्रस्ताव स्वीकार कर लिया था। हालांकि बिल की तरफ से कई साल तक कोई जवाब न मिलने पर फाइलिस को लगा था कि उनका मन बदल गया।
वॉकर लिखते हैं- मेरी इच्छा है कि जब तुम पत्र खोलो तो मैं वहां रहूं। मुझे आज भी याद है कि जब तुमने मुझे ‘हां’ कहा था तो मैं खुशी के मारे रो पड़ा था। सिर्फ तुम जानती हो कि मैं तुम्हारे साथ खुश रहता हूं।
हालांकि, आज तक फाइलिस को नहीं पता कि बिल द्वितीय युद्ध के दौरान बच पाए या नहीं। फाइलिस ने बाद में अन्य व्यक्ति जिम हॉलोवे से शादी कर ली थी। दोनों के चार बच्चे और सात पोते-पोतियां हैं। जिम की भी कई साल पहले मौत हो चुकी है। बाद में फाइलिस ने रेजीनाल्ड पोंटिंग से दूसरी शादी कर ली।
फाइलिस कहती हैं- मुझे नहीं लगता कि बिल जंग के बाद जीवित रहे होंगे। अगर ऐसा होता तो वे मेरे पते पर जरूर आते। यह लेटर मिलने के बाद मेरी जिंदगी बदल-सी गई है। हम दोनों शादी करने वाले थे। वह मुझे बहुत चाहता था।
बिल का लेटर समुद्री पुरातत्वविदों को मिला जो समुद्र की तलहटी में चांदी की खोज में जुटे थे। बिल के लेटर के अलावा उन्हें कई पत्र मिले जो अब लंदन के पोस्टल म्यूजियम में हैं। इन पत्रों को वॉइसेस फ्रॉम डीप एग्जीबिशन में प्रदर्शित किया गया है।
म्यूजियम क्यूरेटर शॉन किंग्सले का कहना है कि जब से दुनिया में लोगों ने जहाज के डूबने पर जिंदा रहने की कहानी को लिखना शुरू किया तब से यह पत्रों का सबसे बड़ा संग्रह है। इन पत्रों को टिन के डिब्बे में सील करके फ्रीजर में डाल दिया गया था।
बाद में लैबोरेटरी ने खुलासा किया कि कई पत्रों के शब्द समझ में आने लगे थे। 1940 में ब्रिटिश भारत से करीब 700 लेटर लिखे गए थे। एसएस गरीसोप्पा जहाज 1941 में अटलांटिक में डूब गया था। इसमें 48 टन चांदी थी। 84 क्रू मेंबर्स में से 83 की मौत हो गई थी।
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Source: bhaskar international story