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कर्मचारी ने खुद के 400 रु. से फ्यूल भरा, महिला ने इनाम के लिए जुटाए साढ़े 23 लाख रु. - Update Every Time
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कर्मचारी ने खुद के 400 रु. से फ्यूल भरा, महिला ने इनाम के लिए जुटाए साढ़े 23 लाख रु.



जोहानेसबर्ग. बुरे वक्त में किसी की मदद करना जाने-अनजाने खुद का भला करने जैसा है। यह बात दक्षिण अफ्रीका के एक वाकये से साबित होती है। यहां एक गैस स्टेशन एक अश्वेत कर्मचारी ने खुद के पैसे से एक श्वेत महिला की कार में 5 पाउंड का (440 रुपए) फ्यूल भरा। बाद में महिला न केवल पैसे लौटाने आई बल्कि उसने एक अभियान चलाकर कर्मचारी के लिए 26 हजार 600 पाउंड (करीब साढ़े 23 लाख रुपए) जुटाए।

मामला केपटाउन का है। यहां एक बाहरी इलाके में स्थित गैस स्टेशन पर मोनेट वान डेवेंटर (21) फ्यूल भराने आईं। यहां आकर मोनेट को पता चला कि वे घर पर ही पर्स-क्रेडिट कार्ड भूल आईं। मोनेट को डर था कि रास्ते में उनकी कार का फ्यूल खत्म हो सकता है लिहाजा फ्यूल भराना जरूरी था। मोनेट को जिस रास्ते से गुजरना था, वहां एक खूंखार गैंग का आतंक था। सारी बातों को दरकिनार करते हुए कर्मचारी नकोसिखो मबेले (28) ने अपने पैसे से मोनेट की कार का टैंक फुल कर दिया।

पैसे वापस करने आईं, इनाम के लिए अभियान चलाया
मबेले द्वारा बिना सोचे खुद के पैसे से फ्यूल भरने के बात मोनेट को घर कर गई। बाद में वे स्टेशन पैसे लौटाने भी आईं। इतना ही नहीं उन्होंने फेसबुक पर मबेले के लिए पैसे जुटाने की मुहिम चलाई और साढ़े 23 लाख रुपए जुटा लिए। इतने पैसे मबेले की 8 साल की तनख्वाह के बराबर हैं।

पूरे दक्षिण अफ्रीका में मबेले के इस काम की चर्चा है। वह कहते हैं- मैंने वही किया जो मुझे करना चाहिए था। मेरी जगह कोई भी होता, वह भी यही करता। मेरा मानना है कि श्वेत-अश्वेत जैसी कोई चीज नहीं होती। सभी लोग एक हैं और हमें साथ मिलकर ही रहना है।

‘उसने मेरी बात मान ली’
मोनेट के मुताबिक- मैंने मबेले से कहा कि फ्यूल खत्म होने की कगार पर है। पेट्रोल भराना जरूरी है लेकिन मैं पर्स घर पर भूल आई। उसने तपाक से जवाब दिया कि मैडम, यह इलाका काफी खतरनाक है। आपका घर जाकर पैसे लाना ठीक नहीं। मैं अपने पैसे से आपकी गाड़ी में फ्यूल भर दूंगा।

इनामी रकम लेने के लिए तैयार नहीं मबेले
मोनेट ने जो रकम जुटाई, मबेले उसे लेने के लिए फिलहाल तैयार नहीं हैं। उन्हें डर है कि जहां वह रहते हैं, वहां से रकम चोरी हो जाएगी। उन्होंने अनुरोध किया है कि रकम कैश में न देकर उनके लिए घर बनवा दिया जाए, बच्चों की स्कूल की फीस और बकाया बिल चुका दिए जाएं।

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नकोसिखो मबेले और मोनेट वान डेवेंटर।

Source: bhaskar international story