कैस्पियन सागर में 1700 साल पुरानी इमारत मिली, वैज्ञानिकों ने कहा- सबसे प्राचीन चर्च हो सकता है
लंदन.वैज्ञानिक म्यूऑन रेडियोग्राफी की मदद से रूसी शहर डर्बेंट के पास कैस्पियन सागर में रहस्यमयी इमारत को स्कैन करने में जुटे हैं। उनका मानना है कि यह दुनिया की सबसे पुरानी चर्चों में से एक हो सकती है। वहीं कुछ लोगों का कहना है कि यह एक जलाशय या एक जोरास्ट्रियन फायर मंदिर भी हो सकता है।
शोधकर्ताओं के मुताबिक, अगर इसके तथ्य मिल जाए कि यह एक चर्च है, तो यह दुनिया के सबसे प्राचीन चर्चों में से एक हो सकता है। यह इमारतमध्ययुगीन किले नार्यन-कला के उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र में स्थित है।
यह पूरी तरह से भूमिगत और स्थानीय शेल चूना पत्थर से निर्मित है, जो करीब 1700 साल पुरानी है। हालांकि, यहां उत्खनन कार्य किए जाने से यूनेस्को की यह साइट खतरे में पड़ सकती है।
रूसी एकेडमी ऑफ साइंसेज के शोधकर्ताओं, स्कोबेल्त्सिन इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूक्लियर फिजिक्स लोमोनोसोव मॉस्को स्टेट यूनिवर्सिटी और डागेस्टैन स्टेट यूनिवर्सिटी ने इसकी छवि बनाने के लिए गैर-इनवेसिव तकनीक म्यूऑन रेडियोग्राफी का उपयोग किया।
पुरातत्वविदों के विभिन्न निष्कर्षों से पता चला कि इमारत एक क्रॉस के आकार में है। इससे संभावना जताई जा रही है कि यह एक चर्च हो सकता है। यह 36 फीट ऊंची, 50 फीट लंबी और 44 फीट चौड़ी है।
वैज्ञानिक समूह की प्रमुख नतालिया पोलुखिना का कहना है कि यह एक आयताकार इमारत है। इसकी बनावट को देखकर लगता है कि यह एक पानी का टैंक हो सकता है। हालांकि, हम इसकी जांच में जुटे हुए हैं।
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Source: bhaskar international story