65 साल के जोए ने जिस एलिगेटर की जान बचाई, उसी ने डिप्रेशन से निकालकर जीना सिखाया
पेंसिलवेनिया. अमेरिकी शहर पेंसिलवेनिया में रहने वाले जोए हेनी का पालतू एलिगेटर वैली भले ही लोगों के लिए डरावना हो, लेकिन जोए के लिए उनके दिल का टुकड़ा है। जब से जोए को वैली का साथ मिला है, उनका तनाव छू-मंतर हो गया है और वह पहले से ज्यादा स्ट्रॉन्ग बन गए हैं। 65 साल के जोए ने वैली को अपने साथ रखने के लिए न सिर्फ डॉक्टर की इजाजत ली है, बल्कि उसका रजिस्ट्रेशन भी इमोशनल सपोर्ट एनिमल के तौर पर करवाया है।
अब इमोशनल सपोर्ट एनिमल के तौर पर हर कोई तो एलिगेटर का नाम रजिस्टर नहीं करवाता, लेकिन जोए शायद ऐसा करवाने वाले पहले शख्स हैं। उनके पालतू एलिगेटर वैली को भी लोगों को गले लगाना और लाड-दुलार करना बेहद पसंद है। जोए कहते हैं- 5 फीट का वैली इतना इमोशनल है कि बिल्लियों से भी डर जाता है, मेरे बीमार होने पर खुद मेरे पास आ जाता है।
जोए के मुताबिक, उन्होंने डिप्रेशन के शिकार होने के बाद दवा लेने से मना कर दिया था, क्योंकि वह इस बीमारी को दवा से दूर करना ही नहीं चाहते थे। उन्होंने बताया, मेरा वैली तो बिल्कुल पेट डॉग जैसा है। काफी सॉफ्ट और शांत, लोग यकीन नहीं करते हैं, लेकिन सच में वह बिल्लियों से भी डरता है और उसने आज तक किसी को नहीं काटा। मैं जानता हूं कि अगर वैली चाहे तो मेरा बाजू भी काट खा सकता है, लेकिन मुझे उससे कोई डर नहीं लगता है।
वैली को अच्छा लगता है जब कोई उसे लाड-दुलार करे। उसका ख्याल रखे। उसने मेरी भी जिंदगी बदल दी है। जब भी कभी मेरा मूड बिगड़ता है, तो उसे पता चल जाता है और वह अपने-आप मेरे पास आ जाता है। कई बार मेरी तबियत ठीक न होने पर वह खुद मेरे बेड पर आ चुका है।
जोए कहते हैं कि फिलहाल वैली चार साल का है और अभी उसका कद साढ़े पांच फीट है और कुछ सालों में साढ़े 16 फीट हो जाएगा लेकिन उन्हें इस बात को सोचकर चिंता नहीं होती कि आने वाले समय में वैली के व्यवहार में क्या बदलाव होगा क्योंकि वह जैसा है वैसे ही रहेगा। उन्होंने कहा, वैली का मेरी जिंदगी में आना किसी संयोग से कम नहीं था।
वैली मुझे और मेरे एक दोस्त को ऑरलैंडो में मिला था और अगर उस दिन वैली को न बचाया होता तो वह शायद इस दुनिया में ही नहीं होता। उस वक्त मैं बुरे डिप्रेशन से जूझ रहा था, लेकिन वैली जब भी मेरे पास होता तो मुझे अच्छा लगता। मेरे डॉक्टर ने भी इस चीज को नोटिस किया और मैंने वैली का रजिस्ट्रेशन बतौर रजिस्टर्ड सपोर्ट एनिमल के तौर पर करवा लिया।
अब मैं उसके साथ शॉपिंग से लेकर पार्क में घूमने जाता हूं और अक्सर हम नर्सिंग होम सेंटर जाते हैं। यहां सबका ध्यान वैली पर होता है। लोग उसे देखकर सहम जाते हैं और तब मुझे उन्हें समझाना पड़ता है कि वे डरे नहीं, यह मेरा अपना है और कुछ नहीं करेगा। मैं नहीं जानता कि वैली के बिना मेरी जिंदगी कैसी होती क्योंकि वह मेरी लाइफ लाइन है।
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Source: bhaskar international story