दो बार देश के राष्ट्रपति रहे महिंदा राजपक्षे ने अब प्रधानमंत्री पद की शपथ ली
कोलंबो. श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे ने शुक्रवार शाम प्रधानमंत्री पद की शपथ ली। राजपक्षे को मौजूदा राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना ने शपथ दिलाई। राजपक्षे के साथ विपक्षी सांसद भी मौजूद थे। राजपक्षे की अगुआई वाले यूनाइटेड पीपुल्स फ्रीडम अलायंस (यूपीएफए) ने सरकार से समर्थन वापसी का फैसला लिया। लिहाजा रानिल विक्रमसिंघे को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा।
#BREAKING UPFA has decided to withdraw from the Government & informed its decision to the Speaker. Former President Mahinda Rajapaksa sworn in as Prime Minister before the President a short while ago. #SriLanka #lka pic.twitter.com/ElSyIYxi0f
— Sri Lanka Today (@SriLanka_Today) October 26, 2018
पेशे से वकील रहे राजपक्षे 1970 में पहली बार श्रीलंका की संसद के लिए चुने गए थे। 2004 में वह श्रीलंका के 18वें प्रधानमंत्री बने। 2005 में राजपक्षे पहली बार और 2010 में दूसरी बार राष्ट्रपति चुने गए। 2015 में उन्हें मैत्रीपाला सिरिसेना से हार का सामना करना पड़ा।
प्रभाकरण को मारने के लिए अभियान चलाया था
श्रीलंकाई सेनाओं ने मई 2009 में लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम (एलटीटीई- लिट्टे) प्रमुख वेलुपिल्लई प्रभाकरण को मार गिराया। प्रभाकरण को मारने के लिए राजपक्षे ने ही अभियान चलाया था। प्रभाकरण की मौत के साथ ही श्रीलंका में 26 साल पुराने गृहयुद्ध का अंत भी हुआ।
लिट्टे के सफाए के दौरान राजपक्षे पर मानवाधिकार उल्लंघन के भी आरोप लगे। टाइम मैगजीन को दिए इंटरव्यू में राजपक्षे में कहा था- लिट्टे के साथ लड़ाई में कोई भी सिविलियन नहीं मारा गया। अगर हमें मानवाधिकार उल्लंघन करना ही होता तो लिट्टे को हराने में ढाई साल नहीं लगते। यह केवल चंद घंटों का काम था।
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Source: bhaskar international story