भारत के बाद अब पाकिस्तान में सामने आया 'विजय माल्या' जैसा मामला
इंटरनेशनल डेस्क/लाहौर: कर्ज में डूबे पाकिस्तान में 'विजय माल्या' जैसा मामला सामने आया है, जहां पाकिस्तान की एक निजी एयरलाइन कंपनी के मालिक पर 1.36 बिलियन कैश लेकर विदेश भागने का आरोप है। इस एयरलाइन की कई घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ाने 2 महीने से रद्द चल रही थीं। अक्तूबर महीने से ही इस एयरलाइन की कई उड़ने रद्द थीं, वहीं एयरलाइन के आंकड़ें देखें तो कंपनी के करीब 3000 कर्मचारियों को कई महीनों से सैलरी नहीं दी गई थी, सैलरी न मिलने को लेकर एयरलाइन के कर्मचारी प्रदर्शन भी कर रहे थे। इतना ही नहीं इस मामले को लेकर कंपनी के खिलाफ कोर्ट भी पहुंचे हैं।
करोडों रुपए का घोटाला कर हुए फरार
पाकिस्तान की निजी एयरलाइन शाहीन एयर इंटरनेशनल के मालिक करोड़ों रुपये का घोटाला करके विदेश भाग गया। इस एयरलाइन के चेयरमैन काशिफ महमूद सहबई और इसके सीईओ एहसान खालिद सहबई का नाम पहले से ही 'एक्जिट कंट्रोल लिस्ट' में शामिल है। इस लिस्ट में शामिल होने का मतलब है कि ये लोग देश छोड़कर नहीं भाग सकते हैं, लेकिन पाकिस्तान में ये दोनों लिस्ट में नाम होने के बावजूद भी करोड़ों का घोटाला करके विदेश भागने में सफल हो गए।
इन दोनों पर एयर लाइन ऑपरेशन का भी 136 लाख रुपये बकाया हैं। इन दोनों की भागने की आशंका पहले से ही पकिस्तान के नागरिक उड्डयन प्राधिकरण (सीएए) को थी।
किंगफिशर के विजय माल्या जैसा मामला
पाकिस्तान के द डॉन ने अपनी रिपोर्ट में बताया- 'जब कंपनी के विदेशी इनवेस्टमेंट के बारे में पूछताछ की गई तो अधिकारी ने बताया कि एयरलाइन का बाजार खराब होने की वजह से निवेश के लिए कोई विदेशी संस्था आगे नहीं आई।' पाकिस्तानी के अखबार डॉन के मुताबिक सीएए के पास इस एयरलाइन के आठ विमान हैं क्योंकि ये विमान उड़ान भरने की स्थिति में नहीं है।इन विमानों के लिए सीएए साई पार्किंग शुल्क भी लेता है।
पहले फायदे में थी शाहीन एयर इंटरनेशनल
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक एयरलाइन के पास स्थानीय और विदेशी प्रॉपर्टी मिलाकर करीब 18 बिलियन की कुल संपत्ति है। इतना ही नहीं साल 2006 से साल 2016 तक एयरलाइन कंपनी फायदे में भी ही रही है। एयरलाइन को मुनाफे का एक बड़ा भाग खाड़ी देशों के रूट पर मिला है। पाकिस्तानी अखबरा 'द डॉन' के मुताबिक- जब कंपनी के विदेशी इनवेस्टमेंट के बारे में पूछताछ की गई तो एक अधिकारी ने बताया- 'एयरलाइन का बाजार खराब होने की वजह से निवेश के लिए कोई विदेशी संस्था आगे नहीं आई।'फायदे में भी ही रही है। एयरलाइन को मुनाफे का एक बड़ा भाग खाड़ी देशों के रूट पर मिला है।
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Source: bhaskar international story