सरकार का अवैध चर्चों के खिलाफ अभियान; 3 करोड़ ईसाइयों पर असर, उन्होंने कहा- धर्म नहीं छोड़ेंगे
बीजिंग.दुनिया में ईसाई समुदाय क्रिसमस मना रहा है। लेकिन, चीन में एक साल से राष्ट्रपति शी जिनपिंग की सरकार अवैध चर्चों के खिलाफ अभियान चला रही है। क्रिसमस के हफ्ते में इस अभियान में तेजी आई है। इसका असर यहां के करीब तीन करोड़ ईसाइयों पर पड़ रहा है। न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, इस अभियान के बावजूद यहां के ईसाइयों ने कहा है कि वे अपना धर्म नहीं छोड़ेंगे।
रिपोर्ट के मुताबिक, चीन में ईसाइयों की जनसंख्या के आधिकारिक आंकड़े स्पष्ट नहीं हैं। हालांकि, विशेषज्ञों का अनुमान है कि यहां छह करोड़ ईसाई हैं। इनमें से आधे प्रार्थना के लिए सरकार सेमान्यता प्राप्त चर्चों में जाते हैं और बाकी गैरआधिकारिक चर्चों में जाते हैं।
रिपोर्ट में दावा किया गया है किइस साल चीन में बाइबिल की ऑनलाइन बिक्री पर रोक लगा दी गई। क्रॉस जलाए गए, चर्चों को ढहाया गया, 5-6प्रार्थनास्थलों को बंद कर दिया गया।
रिपोर्ट के मुताबिक, जिनपिंग इस बात को लेकर फिक्रमंद हैं कि स्वतंत्र पूजा-अर्चना की छूट देने से चीन की रोजमर्रा की जिंदगी से कम्युनिस्ट सरकार का आधिपत्य कमजोर पड़ सकता है। जिनपिंग ईसाइयों पर अपनी पार्टी की पकड़ ज्यादा मजबूत बनाना चाहते हैं।
चीन की मनवाधिकार संरक्षण संस्था की डायरेक्टर रिनी शिया ने कहा,‘‘चीन सरकार की ये कोशिशें अंडरग्राउंड क्रिश्चियन विरोध को निशाना बनाने के लिए है। यह ऐसा विरोध है जिसमें सामाजिक न्याय जैसे विचारों को तवज्जो दी जाती है और यह कम्युनिस्ट पार्टी की पकड़ के लिए चुनौती है।’’ पार्टी में कई लोगों का मानना है किचीन में ईसाई धर्मसबसे तेजी से बढ़ रहाहै।
पुलिस ने पोस्टर चिपकाकर ईसाइयों को हिदायत दी है कि वेलोगों कोभड़काने वाले काम न करें। कानून का उल्लंघन किया गया तो कड़ी सजा मिलेगी। चीन मेंकानून का उल्लंघन करनेपर पांच साल की सजा का प्रावधान है।
बताया जा रहा है कि चीन में जब से शी जिनपिंग मजबूत हुए हैं, तब से देश में अन्य धर्मों के खिलाफ मुहिम को बल मिला है। 2014 और 2016 के बीच सरकार के आदेश से चर्चों में1500 से ज्यादा क्रॉस हटाए गए हैं।
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Source: bhaskar international story