चोरों ने आइसबर्ग का 30 हजार लीटर पानी चुरा लिया, इसकी कीमत 8.5 लाख रुपए
टोरंटो. कनाडा के न्यूफाउंडलैंड में चोरों ने एक वोदका कंपनी से 30 हजार लीटर पानी चुरा लिया। पुलिस को अब उन चोरों की तलाश है, जिन्होंने इस घटना को अंजाम दिया। दरअसल, चोरी हुआ पानी साधारण नहीं, बल्कि एक आइसबर्ग का था। शुद्धता की वजह से इस पानी का इस्तेमाल महंगी वोदका (शराब) और कॉस्मेटिक प्रोडक्ट्स बनाने में होता है। आइसबर्ग वोदका कंपनी के मुताबिक, चोरी हुए पानी की कीमत करीब 8.5 लाख रुपए थी।
पुलिस को शक है कि चोरों ने इस घटना को एक दिन में नहीं, बल्कि अलग-अलग दिनों में अंजाम दिया। साथ ही उन्हें पानी के बारे में भी पूरी जानकारी थी, क्योंकि आम लोगों को आइसबर्ग और सामान्य पानी में फर्क नहीं पता होता।
कंपनी के सीईओ डेविड मायर्स ने घटना पर आश्चर्य जताते हुए कहा कि इस मामले में कोई अंदरुनी व्यक्ति ही शामिल हो सकता है, क्योंकि एक पूरा टैंक सिर्फ वही खाली कर सकता है जिसे लॉक्स के पासवर्ड पता हों, क्योंकि पानी को आमतौर पर खुफिया तरीके से रखा जाता है।
मायर्स ने बताया कि उन्होंने पानी का इंश्योरेंस भी लिया था, लेकिन परेशानी यह है कि सालभर में आमतौर पर एक ही बार समुद्र में तैर रहे आइसबर्ग को तोड़ कर पानी निकालने के लिए लाया जा सकता है। क्योंकि सर्दियों में आइसबर्ग पूरी तरह से ठोस हो जाते हैं और उनका टूटना बेहद मुश्किलहोता है।
मायर्स ने कहा, ‘‘हो सकता है चोर शराब चोरी करने आए हों और उन्हें टैंकर चोरी करते वक्त भ्रम हो गया हो। हालांकि, मैं उनसे जरूर मिलना चाहूंगा, क्योंकि क्या पता उन्हें आइसबर्ग के पानी की पूरी जानकारी हो।’’
मायर्स के मुताबिक, आइसबर्ग से पानी निकालना बेहद मुश्किल काम है। सबसे पहले इसके लिए सरकार से अनुमति ली जाती है।इसके बाद कुछ जाले, हाइड्रॉलिक मशीनें, राइफल और काटने वाली मशीनों की भी जरूरत होती है। आइसबर्ग के टूटने के बाद उसे एक स्पीडबोट की मदद से किनारे तक खींचा जाता है और फिर क्रेन से उठाकर उसे कंटेनर में रखा जाता है। भाप से इसे साफ भी किया जाता है।
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Source: bhaskar international story