पार्क में जलपरियों की मूर्ति के हिस्सों को ढंका गया ताकि परिवार और बच्चे सहज रह सकें
जकार्ता. यहां एंकोल ड्रीमलैंड में एक थीम पार्क बनाया गया है। यहां दो टॉपलेस जलपरियों की मूर्ति भी लगाई गई। लेकिन अब मूर्तियों के कुछ हिस्से को ढंका गया है ताकि यहां आने पर परिवार और बच्चे सहज महसूस कर सकें।
थीम पार्क में 15 साल पहले जलपरियों की दो मूर्तियां लगाई गई थी लेकिन उसके कुछ हिस्से ढंकने का फैसला हाल ही में लिया गया है। जलपरी के हिस्सों को ढांकने के लिए एक अन्य जगह ले जाया गया था ताकि लोग वहां न पहुंच सकें।
रिपोर्ट के मुताबिक- मूर्ति के हिस्सों को ढांकने का फैसला एक नई नीति के तहत किया गया। इसका मकसद पूर्वी देशों की परंपराओं का सम्मान करना बताया गया है। हालांकि कुछ लोगों ने जलपरी की मूर्ति पर लगाए टॉप को हटाने की भी कोशिश की थी।
ड्रीमलैंड की प्रवक्ता रीका लेस्तारी के मुताबिक- जलपरियों के हिस्सों को ढांकने का फैसला आंतरिक रूप से लिया गया। हम पार्क को एक एम्यूजमेंट पार्क बनाने की कोशिश कर रहे हैं जहां लोग छुट्टियां बिताने आएं।
जलपरियों की मूर्ति बनाने वाले डोलोरोसा सिनागा का कहना है कि मूर्तियों को ढंककर एंकोल ड्रीमलैंड आने वाले लोगों को सुंदरता देखने से वंचित किया गया है। पार्क घूमने आई एक महिला के मुताबिक- मूर्तियां हमें परेशान नहीं करतीं। उन्हें ढंक दिया जाना भद्दा दिखता है। कई अन्य लोगों ने भी मूर्ति के हिस्सों को ढांके जाने पर सवाल उठाए।
यह पहली बार नहीं है जब किसी मुस्लिम देश में किसी कलाकृति के साथ छेड़छाड़ हुई हो। पिछले साल सितंबर में मालदीव के समुद्र के अंदर बनी कलाकृतियों को मुस्लिम विरोधी बताते हुए तोड़ दिया गया था।
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Source: bhaskar international story