कांग्रेस के शासनकाल में शिक्षा विभाग की तीन साल की प्रमुख उपलब्धियां
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अपनी सतरंगी संस्कृति एवं अतिथि सत्कार के लिए संपूर्ण विश्व भर में अद्वितीय पहचान रखने वाला राजस्थान अब शिक्षा के क्षेत्र में भी अपनी अनूठी पहचान बना रहा है। बीते कुछ समय में प्रदेश ने शिक्षा के क्षेत्र में नए कीर्तिमान लक्ष्य हासिल किये हैं। अपने बेहतरीन नवाचारों से राजस्थान ने फिट इंडिया मूवमेंट में प्रथम स्थान हासिल कर ना सिर्फ होनहार राजस्थान की परिकल्पना को पूर्ण किया बल्कि शिक्षा मंत्रालय के परफॉर्मेंस ग्रेडिंग इंडेक्स में 1+ रैंकिंग हासिल कर राष्ट्रीय स्तर पर गुणवत्तायुक्त शिक्षा का उदाहरण पेश किया।
राजस्थान देश का पहला ऐसा राज्य है जहां पहली बार निजी विद्यालयों की तर्ज पर सरकारी इंग्लिश मीडियम स्कूल की नींव रखी गई। महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर खोले गये इन विद्यालयों को सत्र 2020-21 में 168 ब्लॉक स्तर पर एवं 2021-22 में संपूर्ण प्रदेशभर में 348 विद्यालयों का संचालन किया गया। वर्तमान में इन विद्यालयों में अध्ययन करने वाले विद्यार्थियों की संख्या 1 लाख के लगभग है। इनकी बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए इन विद्यालयों में जल्द ही उपरोक्त आदेशानुसार प्री-प्राइमरी कक्षाओं का संचालन भी शुरू किया जाएगा।
कोरोनाकाल में स्कूल भले ही बंद हो गये हों लेकिन डिजिटल क्रांति और नवाचारों के सहारे शिक्षा विभाग ने विद्यार्थियों को पढ़ाई से जोड़े रखा। विभाग ने स्माइल प्रोग्राम के जरिए 20 हजार से ज्यादा वॉट्सएप ग्रुप बनाकर 13 लाख विद्यार्थियों को पाठ्य सामग्री का वितरण किया। वहीं ई-कक्षा, आओ घर में सीखें, शिक्षा दर्शन, शिक्षावाणी और हवामहल जैसे कार्यक्रमों के जरिए विद्यार्थियों को घर बैठे शिक्षण सामग्री पहुंचाई। यही नहीं मूकबधिर एवं दृष्टिबाधित विद्यार्थियों के लिए विभाग ने मिशन समर्थ पहल शुरु की और साइन लैंग्वेज में वीडियो कंटेंट बनाकर विद्यार्थियों तक पहुंचाया गया।
डिजिटलाइजेशन की महत्ती आवश्यकता को देखते हुए विभाग ने प्रदेश के राजकीय विद्यालयों में स्मार्ट कक्षाएं खोलने का निर्णय लिया। विभाग द्वारा प्रदेश के 101 स्कूलों में स्मार्ट कक्षाएं और 11,674 आईसीटी लैब स्थापित किये गये हैं। साथ ही 8,767 विद्यालयों में स्मार्ट कक्षाएं और 398 आईसीटी लैब स्थापित करने का कार्य प्रगति पर हैं। यही नहीं विद्यालय अवलोकन की प्रक्रिया को डिजिटाइज करते हुए शाला संबलन ऐप का निर्माण किया गया है। ऐप के माध्यम से कम समय में सूचनाओं का संकलन कर विद्यार्थियों की लर्निंग आउटकम को ट्रैक किया जा रहा है।
विभाग ने शिक्षकों के हितार्थ कई महत्वपूर्ण नवाचार किये हैं। शिक्षक दिवस पर सम्मानित शिक्षकों की संख्या को 68 से बढ़ाकर 1101 की गई है। तो वहीं 50 साल बाद शिक्षा सेवा नियमों में संशोधन करते हुए राजस्थान शिक्षा सेवा नियम-2021 बनाये गए, जिससे विसंगतियों को दूर किया गया।
विद्यार्थियों के चहुंमुखी विकास के लिए विभाग द्वारा कई साहसिक फ़ैसले लिए गये हैं। विद्यार्थियों को राष्ट्रीय स्तर की प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करने को लेकर प्रदेश में 9वीं क्लास से NCERT सिलेबस लागू किया गया। राजीवे गांधी करियर पोर्टल की शुरुआत करके विद्यार्थियों की समस्याओं का ना सिर्फ समाधान किया बल्कि रोजगार संबंधी मार्गदर्शन भी दिया। शिक्षा में गुणात्मक सुधार और शैक्षणिक गतिविधियों में जनसमुदाय की भागीदारी के लिए बाल सभा का आयोजन, हर शनिवार को ‘नो बैग डे’ जैसे नवाचारों ने शिक्षा के क्षेत्र में क्रांति लाने का कार्य किया है। रचनात्मक और नवीन शिक्षण विधि से होमवर्क के लिए एक्टिविटी बेस्ड लर्निंग (ABL) किट्स का निर्माण कर बच्चों को स्कूल आने के लिए प्रेरित किया गया तो वहीं महिलाओं के प्रति बढ़ती हिंसक मामलों को देखते हुए प्रदेश की करीब 29 लाख+ छात्राओं को निडर बनाने के लिए आत्मरक्षा प्रशिक्षण दिया गया है। बालिकाओं के संपूर्ण कौशल विकास के लिए उन्हें सिलाई,कढ़ाई, आई.टी, हेल्थकेयर एवं रिटेल जैसे व्यवसायिक शिक्षा प्रदान की जाती है।
बात अगर रोजगार की हो तो विभाग ने रोजगार सृजन, प्रशिक्षित बेरोजगारों को रोजगार के अवसर देने और कोर्ट से लंबित भर्तियों को सुलझाया में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है। विभाग द्वारा स्कूलों में रिक्त पदों को ध्यान में रखते हुए विभिन्न श्रेणियों के अंतर्गत करीब 61123 शिक्षकों को नियुक्तियां दी है।