कोरोनाकाल में सीडब्ल्यूएसएन विद्यार्थियों के लिए शिक्षा विभाग की मिशन समर्थ पहल
कोरोनाकाल में सीडब्ल्यूएसएन विद्यार्थियों के लिए शिक्षा विभाग की मिशन समर्थ पहल
कोरोनाकाल में विद्यार्थियों के पढ़ने-पढ़ाने के तरीके में एक बड़ा बदलाव आया है। संक्रमण के कारण पिछले दो साल से बच्चों के स्कूल बंद है, ऐसी विषम परिस्थितियों में ऑफलाइन की जगह ऑनलाइन कंटेंट के जरिये ही बच्चों की पढ़ाई घर पर ही जारी है। विद्यार्थियों की पढ़ाई सुचारू रुप से चल सके इसे ध्यान में रखते हुए राजस्थान शिक्षा विभाग ने आओ घर में सीखें कार्यक्रम शुरु किया जिसके जरिये विद्यार्थियों के लैर्निंग गैप को कम करने में सफलता मिली।
पिछले वर्ष कोरोना महामारी के कारण स्कूलों के बंद हो जाने के बाद स्माइल प्रोजेक्ट के माध्यम से व्हाट्सऎप ग्रुप्स के द्वारा विद्यार्थियों को शिक्षकों से जोड़ा गया। डिजिटल पाठ्यसामग्री तथा होमवर्क बच्चों को उपलब्ध कराये गए। ई कक्षा के माध्यम से यूट्यूब पर छात्रों को सभी विषयों पर पाठ्यसामग्री के वीडियो उपलब्ध कराये गए। रुचिकर गतिविधियों के माध्यम से छोटे बच्चों को पढ़ाने हेतु हवामहल कार्यक्रम के रूप में एक डिजिटल नवाचार किया।
इंटरनेट की सुविधा से वंचित विद्यार्थियों की शिक्षा सुचारु रूप से जारी रखने के लिए स्वंय शिक्षक फील्ड में उतरे। कोविड गाइडलाइंस का ध्यान रखते हुए घर घर जाकर वर्कबुक और वर्कशीट्स के माध्यम से अध्यापन का कार्य जारी रखा गया जिसकी प्रशंसा केंद्र सरकार द्वारा भी की गई। दूरदर्शन तथा रेडियो के माध्यम से भी बच्चों के शिक्षण का कार्य लगातार किया जा रहा है। कोरोनाकाल में विद्यार्थियों की पढ़ाई को निरंतर बनाये रखने के लिए शिक्षा विभाग हर संभव प्रयास कर रहा है। इन्हीं प्रयासों का परिणाम है कि अब विशेष आवश्यकता वाले विद्यार्थी भी सामान्य बच्चों की तरह घर पर ही अपनी पढ़ाई जारी रख सकते हैं। ये संभव हो पाया है शिक्षा विभाग के मिशन समर्थ अभियान से।
*डिजिटल नवाचार का बढ़ा दायरा, सीडब्ल्यूएसएन विद्यार्थी अब ऑनलाइन जारी रख सकेंगे पढ़ाई*
कोरोनाकाल में विशेष आवश्यकता वाले विद्यार्थियों की घर से पढाई की निरंतरता सुनिश्चित करने के लिए शिक्षा विभाग नये सत्र से मिशन समर्थ कार्यक्रम लेकर आया है। यह अपनी तरह का देश का पहला ऐसा प्रोजेक्ट है जिसे राजस्थान शिक्षा विभाग ने शुरु किया है। कार्यक्रम की मूल धारणा विशेष आवश्यकता वाले बच्चों की पहचान कर उनके नामांकन में वृद्धि करना है।
कार्यक्रम के अंर्तगत राज्य, जिला, ब्लॉक तथा पंचायत स्तर पर दिव्यांग विद्यार्थियों के लिए व्हाट्सएप ग्रुप बनाए जायेगें जिनपर प्रतिदिन सीडब्ल्यूएसएन विद्यार्थियों हेतु खास तौर पर निर्मित पाठ्य सामग्री ऑडियो तथा वीडियो के रुप में शेयर की जायेगी। इन व्हाट्सएप ग्रुप का सृजन, संचालन व निरीक्षण क्रमश: जिला शिक्षा अधिकारी, ब्लॉक शिक्षा अधिकारी तथा पंचायत प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी द्वारा अपने अपने स्तर पर किया जाएगा।
इस नवाचार के लिए शिक्षा विभाग और मिशन ज्ञान के बीच एमओयू भी हुआ है। स्माइल कार्यक्रम के तहत बधिर विद्यार्थियों के लिए वीडियो अध्ययन सामग्री, ई-कक्षा के तहत साइन लैंग्वेज में भी वीडियो अध्ययन सामग्री तैयार करवाई जा रही है।