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Why is holy played ?
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Why is holy played ?


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होली क्यों खेली जाती है ?

Why is holy played ? होली हिंदुओं का त्यौहार है यह त्यौहार मुख्य रूप से भारत में सबसे ज्यादा मनाया जाता है

 लेकिन आप यहएशिया और पश्चिमी दुनिया  में होली क्यों खेली जाता है मतलब अब यह पूरी दुनिया में मनाया जाता है

 यह खास तौरपर एक दूसरे पर स्नेहा शेयर करने के लिए रंग लगाकर मनाया जाता है 

होली कब मनाया जाता है ?Why is holy played 

होली शिशिर की विदा कर के वसंत ऋतु के

आगमन में फागुन महीना में पढ़ने वाला पूर्णिमा

के दिन होली खेली जाता है,Why is holy played ? यह हिंदुओं के

लिए एकबड़ा त्यौहार है साथ ही धार्मिक संस्कृत परंपरागत

अनुसार मनाया जाता है I होली का रंग केश्वर पलाश के पेड़ से बनाया जाता था यह त्वचा के लिए

अच्छा होता था क्योंकि इसमें कोई केमिकल नहीं होता था लेकिन समय के साथ रंगो बदल दिया गया है,

होली रंग से ही क्यों खेली जाती

Why is holy played?जब त्रेता युग में भगवान विष्णु ने धुलीवंदन किया था

इसी परंपरा को सभी मानते हैं धुलीवंदन अर्थात एक दूसरे

पर झूल लगाना,Why is holy played ? इस परंपरा को त्रेतायुग में

भगवान विष्णु ने शुरू किया था द्वापर युग में भगवान श्री कृष्णा

ने इसी उत्साह को रंग उत्साह मनाने की परंपरा किया

इस तरह होली के त्यौहार भगवान श्री कृष्ण ने रंग में बदल

दिया इसी के कारण होली रंग से खेला जाता है,

 

होली क्यों मनाया जाता है ?Why is holy played 

होली का त्योहार के पीछे अनेकों पौराणिक कथाएं (story)

है इसमें सेप्रह्लाद और उस की भक्ति की कहानी सबसे ज्यादा

प्रचलित है, होली क्यों  मनाया जाता है ? प्राचीन भारत में

हिरण्यकश्यपनामक एक राक्षस राजा था बरसों भगवान की

प्रार्थना करने के बाद उमर का वरदन मिला,

 ‘’उसे इंसान या जानवर कोई मार नहीं सकता था, ना ही कोई

अस्त्र शास्त्र से उसकी मृत्यु होती थी, उसे घर के अंदर ना बाहर

ना ही आकाश में नहीं धरती पर मारा जा सकता था,

 

इस वरदन को पाने के बाद उसका घमंड बढ़ गया और खुद को भगवान समझने लगा वह लोगों से खुद को

भगवान की तरह पूजा करने के लिए बोलता था लेकिन उसका एक बेटा था परलाद वह भगवान विष्णु

का भक्त था यह देखकर हिरण्यकश्यप को अपने बेटे पर गुस्सा होने लगाऔर उसे मारने के लिए सोचा

बेटे अपनी पूजा ना करने के कारण राजा ने अपने बेटे को सभी लोगों के सामने जलाकर मारने का

निर्णय लिया ताकि कोई ऐसा दूसरा ना करें,

प्लान के मुताबिक राजा का बहन होलिका जिसको वरदानमें एक वस्त्र मिली हुई थी जिसे पहनकर आग मेंनहीं

जल सकती थी इसलिए राजा चाहता था कि उसकी गोद में प्रह्लाद को बिठाकर आगमें जल देना जैसे प्रह्लाद को

गोद में लेकर होली का आग में बैठजाती है तो प्रह्लाद विष्णु भगवान को पुकारने लगता है विष्णुभगवान ने प्रह्लाद के

पुकार सुनके तेजहवा तूफान चलाया जिससे होलिकाकी शरीर का बसरा उर गए और वहआग में जल के मर गए

लेकिन पहला तो इससे कुछ असर नहींहुआ यह पौराणिक कथा हम सबको यह ज्ञानदीप दिलाता है

कि सत्य और असत्य की परिणाम इसी तरह बुराईका हार और अच्छाई का जीत हुई इसी वजह से

तब से लेकर आज तक होली का त्यौहारमनाई जाती है इसको मनाने के उद्देश्य एक दूसरे के साथ

अच्छा संबंध बनाना और मिलकर रहना है I

 

 

Why is holy played 

 

 

 

 

    धूलंडी कैसे मनाया जाता है ?

धूलंडी एक होली त्यौहार का हिस्सा है जिसे होली के अगले दिन धूलंडी मनाया जाता है इसे धूल खेल

चेक बंदी नामसे जाना जाता है धूलंडी को पानी में रंग मिलाकर खेला जाती है I होली और रंग पंचमी

को सुखा रंग फूलों कारंग और गुलाल डाला जाता है 

रंगों से बालों को सुरक्षित रखने के लिए जरूर जाने यह टिप्स;-

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